लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कई दशक से चल रही पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट की बेंच के आंदोलन को एक बार फिर करारा झटका लगा है। योगी सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच देने के लिए कार्रवाई शुरू तो की थी लेकिन 24 घंटे में ही अपने फैसले को पलट दिया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में वकील कई दशक से हाई कोर्ट बेंच के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं जिसके लिए हर शनिवार को भी नियमित रूप से हड़ताल की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी जब विपक्ष में थी तो पश्चिम में उत्तर प्रदेश के वकीलों को हर बार आश्वासन देती थी कि जैसे ही सत्ता में आएगी तो पश्चिम में उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच बनवा दी जाएगी। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के समय वायदे किए लेकिन चुनाव जीतने के बाद पार्टी वादों को भूल गई। दिल्ली में 10 साल और उत्तर प्रदेश में 7 साल से सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी ने इसी सप्ताह हाई कोर्ट बेंच के लिए कार्रवाई शुरू तो की थी लेकिन 24 घंटे में ही अपने फैसले से पलट गई है।
आपको बता दें कि 19 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार के न्याय विभाग के विशेष सचिव बालकृष्ण एन रंजन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के महा प्रबंधक को एक पत्र लिखा था जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच देने के लिए अग्रतर कार्यवाही करने की अनुशंसा की थी लेकिन मामला आगे बढ़ता उससे पहले ही योगी सरकार अपने फैसले से पलट गई है।
20 जनवरी को विशेष सचिव ने एक नया पत्र जारी करके 19 जनवरी को जारी किए गए अपने पत्र पर कार्यवाही करने से रोक लगा दी है जिसके बाद 24 घंटे में ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की बेंच बनाए जाने का फैसला पलट गया है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा 24 घंटे में फैसला पलटे जाने से पश्चिम यूपी के वकीलों और जनता को करारा झटका लगा है क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट आसपास के राज्यों की हाई कोर्ट से बहुत दूर है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वादीकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा जाते हैं जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच दिए जाने का लगातार विरोध करते हैं और लखनऊ की सत्ता उन्हीं के दबाव में हर बार फैसला पलट देती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन कुंवर पाल शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट बेंच के मुद्दे को लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता हमेशा छली गई है। सरकार ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए पश्चिम की जनता के साथ हमेशा अन्याय किया है।