शामली- लगभग 200 करोड रुपए से ज़्यादा के गन्ना मूल्य बकाए के भुगतान के लिए पिछले 22 दिन से धरने पर बैठे किसानों ने आज देर रात अचानक अपना धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी है।
200 करोड रुपए से ज्यादा का गन्ना मूल्य का बकाया, पिछले 2 साल से शामली शुगर मिल पर था, जिसे अब त्रिवेणी ग्रुप ने खरीद लिया है। पिछले 22 दिन से किसान नेता संजीव शास्त्री के नेतृत्व में किसान धरने पर जमे हुए थे। कई दौर में प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधकों ने वार्ता करके धरना समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन संजीव शास्त्री पूर्ण भुगतान से पहले धरना समाप्त न करने के दावे कर रहे थे।
पिछले सप्ताह शामली के सूचना विभाग ने एक प्रेस नोट जारी करके बताया था कि किसानों द्वारा शामली शुगर मिल के बकाया गन्ना भुगतान को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन के सम्बन्ध में विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों एवं किसानों के साथ वार्ता करने पर यह तय हुआ कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की धनराशि 25 करोड रूपये का भुगतान माह सितम्बर 2024 में करा दिया गया है तथा 25 करोड़ रूपये की एडवाईज गन्ना समिति को प्रेषित कर दी गयी है एवं 25 करोड रूपये धनराशि का भुगतान दीपावली के अवसर पर तथा 30 करोड़ रूपये धनराशि का भुगतान माह दिसम्बर, 2024 तक करा दिया जायेगा।
शेष बकाया धनराशि का भुगतान 25-25 करोड़ रूपये के त्रैमासिक आधार पर शुगर मिल शामली द्वारा किया जायेगा। किसानों को यह भी आश्वासन दिया गया था कि यह भी प्रयास किया जायेगा कि गन्ना किसानों को शेष गन्ना भुगतान शीघ्र अतिशीघ्र प्राप्त हो जाये तथा इस सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान नियमित रूप से इसी सत्र में किया जायेगा।
जिला प्रशासन के मुताबिक किसान संगठनों एवं बैठक में उपस्थित खाप पंचायतों के किसानों द्वारा यह कहा गया था कि चूंकि फसल तैयार हो चुकी है इसलिए किसान हित को ध्यान में रखते हुए मिल में चल रहे मरम्मत कार्यों को तत्काल पूर्ण कराते हुए शुगर मिल का संचालन किया जाये एवं यह भी कहा गया था कि अवशेष भुगतान की कार्यवाही अतिशीघ्र करायी जाये।
जिला प्रशासन ने दावा किया था कि बैठक के दौरान कमेटी से वार्ता उपरान्त सभी के द्वारा संतुष्टि व्यक्त करते हुए धरना प्रदर्शन को समाप्त करने की सहमति दी गयी है । बैठक में किसान संगठनों एवं खाप पंचायतों के पदाधिकारी समेत जिलाधिकारी, शामली, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), उप जिलाधिकारी शामली आदि उपस्थित रहे थे।
जिला प्रशासन की इस घोषणा के बाद किसान नेता संजीव शास्त्री ने समझौता मानने से इंकार कर दिया था और दावा किया था कि वे किसी भी कीमत पर बिना पूर्ण भुगतान लिए धरना समाप्त नहीं करेंगे। हालात ऐसे बन गए थे कि खाप चौधरियों को भी धरने से दूर कर दिया गया था। शास्त्री ने कहा था कि मै किसी से दबता नहीं चाहे मुझे फांसी दे दो , सुने उनका बयान –
आज अचानक से 25 की बजाय 35 करोड रुपए का भुगतान दीपावली से किए जाने की घोषणा पर ही संजीव शास्त्री ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी है जिसको लेकर धरने पर बैठे किसानों के एक बड़े वर्ग में गुस्सा भी है।
गत दिवस कुछ गन्ना किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह से मिला था और उनसे अनुरोध किया था कि शुगर मिल को जल्द चलाया जाए इसके बाद धरने पर बैठे किसानों पर भी यह दबाव बढ़ रहा था कि लंबा धरना, शीघ्र शुरू होने वाले गन्ने के नए सत्र के लिए दिक्कत बन सकता है, देखें वीडियो –
आज फिर जिला प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधकों की बात किसान नेताओं से हुई, जिसमें 35 करोड़ रूपया दीपावली से पहले मिलने का आश्वासन मिलते ही धरना समाप्त कर दिया गया, जिसको लेकर किसानों में नाराजगी है। धरने पर मौजूद बहुत से किसान कह रहे हैं कि वह पूर्ण भुगतान के लिए धरने पर बैठे थे, लेकिन केवल 35 करोड रुपए का भुगतान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। बहरहाल 22 दिन से चल रहा धरना अब समाप्त हो गया है।