इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तारी के साथ ‘मौत का डर’ सता रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंडियाल को पत्र लिखकर कोर्ट में पेशी के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के तोशखाना केस में जारी गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद रविवार को पुलिस खान को लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस के लौटने के बाद इमरान बाहर आए। खान ने सरकार, पुलिस, फौज और आईएसआई पर जबरदस्त हमले किए।
इमरान खान के घर जमान पार्क के बाहर चारों तरफ लाठी-डंडों के साथ उनके समर्थक मौजूद हैं। इनमें महिलाएं भी हैं। इन लोगों को खाना-पानी वहीं मुहैया कराया जा रहा है। इमरान ने सीजेपी को लिखे पत्र में कहा कि मैं एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। सत्ता परिवर्तन अभियान के माध्यम से मेरी सरकार को हटाने के बाद से मुझे संदिग्ध एफआईआर, धमकियों का सामना करना पड़ा और मेरी हत्या करने की भी कोशिश हुई। उल्लेखनीय है कि इमरान ने पिछले दिनों जेल भरो आंदोलन शुरू किया था। उनकी पार्टी के कई नेता जेल में हैं।
इमरान खान ने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रधानमंत्री और आंतरिक मंत्री उनकी हत्या की साजिश रच चुके हैं।पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे खिलाफ अबतक 74 मामले दर्ज हैं और मुझे अक्सर सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होना पड़ता है। मैं देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष हूं और जहां भी मैं जाता हूं वहां भीड़ स्वाभाविक रूप से पीछा करती है। जीवन का अधिकार संविधान के तहत प्राप्त मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन पर हत्या के एक और प्रयास के स्पष्ट संकेत हैं।