Monday, December 23, 2024

सहारनपुर में बुखार का कहर, एक ही दिन में पांच मौत, जांच में डेंगू के 14 रोगी निकले, डेंगू रोगियों की संख्या बढ़कर हुई 180

सहारनपुर सहारनपुर जिले में इन दिनों डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड और मलेरिया बुखार का प्रकोप चल रहा है। इस बार जिले में अभी तक डेंगू के 176 रोगियों  की पहचान हई है। जबकि पिछले वर्ष इन्हीं दिनों में 168 डेंगू रोगी थे। पिछले 48 घंटे के दौरान सहारनपुर जिले में पांच लोगों की बुखार से मौत हो गई जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।

सीएमओ डा. संजीव मांगलिक ने बताया कि बुखार से जो पांच मौतें होना सामने आया है उनमें देवबंद, तीतरो और बड़गांव के लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग उनके गांवों में टीमें भेजकर लोगों की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि देवबंद कोतवाली के गांव डांकोवाली में 50 वर्षीय ग्रामीण ताहिर पुत्र इकराम की मंगलवार शाम मौत हो गई थी। वह पिछले 10 दिनों से बुखार से पीड़ित था। इसी गांव के 52 वर्षीय सुरेश पुत्र मंगू की देहरादून के एक अस्पताल में मौत  हो गई। परिजनों के मुताबिक वह 10 दिन से बुखार से पीड़ित था। इसी गांव का छह वर्षीय बालक उमर पुत्र आबिद की जान बुखार ने ले ली। पहले वह रूढ़की के अस्पताल में भर्ती था। लेकिन जब हालत नहीं सुधरी तो उसे चार दिन पहले परिजनों ने ऋषिकेश एम्स में लेकर गए जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। सीएमओ डा. संजीव मांगलिक के मुताबिक जिले के थाना तीतरो के बाल्लू गांव के प्रधान राजेश सैनी की 35 वर्षीय पत्नी राखी की देहरादून अस्पताल में बुखार तेज हो जाने के कारण मौत हो गई। मृतका के पति राजेश सैनी ने आज बताया कि उसकी पत्नी को कई दिनों से बुखार था। पहले सहारनपुर में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। आराम ना होने पर वह उसे लेकर देहरादून गया जहां अचानक उसका बुखार तेज हो गया और उसने बीती रात दम तोड़ दिया। जिले के थाना बड़गांव के झबीरण गांव में 39 वर्षीय ग्रामीण बोबी पुत्र सोमदत्त की मंगलवार रात मौत हो गई। वह एक हफ्ते से बुखार से पीड़ित था। परिजन उसे लेकर मेरठ गए।

मेरठ में उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जिले में कल एक ही दिन में डेंगू के सबसे ज्यादा 14 नए मरीज सामने आए। इतने मामले पिछले दो महीनों के दौरान कभी नहीं हुए। नगर और देहात में सभी तरह के बुखारों का प्रकोप है। कोई घर ऐसा होगा जहां परिवार का कोई सदस्य बुखार से पीड़ित  ना हो। बुखार के रोगियों की गंभीर हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो माह के दौरान पैरासिटामोल सात लाख से ज्यादा टैबलेट इस्तेमाल हो चुकी है। जिला ड्रग वेयर हाउस के प्रभारी निर्भर जैन ने आज बताया कि  एक अगस्त से लेकर आज तक 16 लाख 39 हजार पेरासिटामोल की गोलियां सरकारी अस्पतालों को भेजी गई हैं।

इनकी कीमत सात लाख रूपए आती है। सबसे ज्यादा गोलियां स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजी गई है। राजकीय मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेंस केंद्रों  पर दो माह के दौरान बुखार के 50 हजार रोगियों का उपचार किया गया। जिले में पैरासिटामोल की कमी हो जाने पर पड़ोसी जनपदों बिजनौर और शामली से पैरासिटामोल की नौ लाख गोलियां मंगाई गई हैं। जिले का कोई भी निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल हो बुखार के रोगियों की भरमार है। ऐसी खराब हालत जिले में कभी भी देखने को नहीं मिली।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय