वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (20 अक्टूबर) को एक दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं। जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लगभग 06 घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य रहेगी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल और आने-जाने वाले मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए शनिवार को अंतिम पूर्वाभ्यास (फुल ग्रैंड रिहर्सल ) किया गया।
जिला प्रशासन के अफसरों के साथ एसपीजी टीम ने प्रधानमंत्री मोदी के डमी कार के साथ फ्लीट रिहर्सल किया। बाबतपुर एयरपोर्ट पर लैडिंग और टेकऑफ के रिहर्सल के बाद डमी फ्लीट हरिहरपुर स्थित शंकरा नेत्रालय पहुंची। इस दौरान एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक जगह-जगह सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी सतर्क दिखे। हरिहरपुर से सर्किट हाउस कचहरी होते हुए डमी फ्लीट सिगरा खेल स्टेडियम पहुंची। रास्ते में चिंहित प्वाइंट पर ड्यूटी पर तैनात अफसर और पुलिस के जवान भी सजग रहे। जनसभा स्थल पर एसपीजी के अफसरों ने वीवीआईपी मंच, सभा स्थल, कार्यक्रम स्थल के प्रवेश और निकास द्वार, बैरिकेडिंग, अस्थायी पार्किंग स्थल, सुरक्षा बलों की तैनाती देखी। अन्तिम पूर्वाभ्यास के दौरान कार्यक्रम स्थल के आसपास सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था रही। पूर्वाभ्यास के बाद एसपीजी टीम ने दोनों कार्यक्रम स्थल को अपने घेरे में ले लिया।
वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में हाई अलर्ट के बीच प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल और आसपास चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती की गई है। प्रधानमंत्री शहर में जिन मार्गों से जाएंगे वहां के बहुमंजिला इमारतों पर रूफ टॉप फोर्स तैनात रहेगी। सभी रूटों और कार्यक्रम स्थलों पर डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ता, अग्निशमन दल और स्थानीय अभिसूचना इकाई कर्मी कदम-कदम पर रहेंगे। सुरक्षा व्यवस्था के पूर्वाभ्यास के बाद फोर्स की ब्रीफिंग कर पुलिस अफसरों ने जवानों को उनकी ड्यूटी के बारे में बताकर मुस्तैद रहने को कहा।
गौरतलब हो कि वीआईपी कार्यक्रम के दौरान यातायात डायवर्जन प्लान भी लागू होगा। प्रधानमंत्री मोदी के पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में एसपीजी, एनएसजी कमांडो, एटीएस, अर्ध सैनिक बल, पीएसी और पुलिस फोर्स तैनात होगी। सुरक्षा व्यवस्था में अन्य जिलों से भी फोर्स बुलाई गई है। बाबतपुर एयरपोर्ट, हरिहरपुर स्थित कार्यक्रम स्थल, सिगरा खेल स्टेडियम में तीन अलग-अलग जोन बनाए गए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री के सड़क रूट को अलग जोन बनाया गया है। हर जोन की जिम्मेदारी आईपीएस अफसरों को दी गई है। इसकी निगरानी खुद मौके पर रहकर एडीजी सुरक्षा करेंगे।