मेरठ। मेरठ नगर निगम में फर्जीवाड़ा से कर्मचारियों की नियुक्ति मामले में 23 कर्मचारी व निगम के एक अधिकारी के खिलाफ सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर एनपी त्रिपाठी की तरफ से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज कराई गई है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि 2019 में नगर निगम में कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसकी शिकायत पर 2020 में जांच शुरू हुई थी। मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी।
रात इंस्पेक्टर एनपी त्रिपाठी की तहरीर पर थाना देहलीगेट ने चार केस दर्ज कराए गए हैं। पहला केस निगम के कर्मचारियों और दूसरा केस नियुक्ति करने वाले निगम के अधिकारी के खिलाफ हुआ है। अधिकारी का नाम अज्ञात में है। तीसरा केस होटल अलकरीम के खिलाफ दर्ज हुआ है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि होटल मालिक ने अवैध निर्माण कर होटल का स्वरूप बदल लिया है। चौथा केस दो दुकानों के खिलाफ हुआ है। एसपी सिटी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज हो गई है। आगे भी जांच सीबीसीआईडी को ही सौंपी जाएगी।
मामला अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने से जुड़ा है। नगर निगम के जिन 23 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया है। उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। नियुक्ति करने वाले अधिकारी पर शिकंजा कसा है। हालांकि अभी उसका नाम बताया है। इसकी जांच जारी है। फर्जी नियुक्ति मामले की जांच पूर्व में शासन के आदेश पर तत्कालीन मंडलायुक्त से लेकर जिलाधिकारी ने की थी। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई उनमें दो का निधन हो चुका है। पूर्व की जांचों में 23 कर्मचारियों की नियुक्ति अवैध ही नहीं माना बल्कि उनसे सैलेरी की रिकवरी के आदेश दिए जा चुके हैं।
इनके खिलाफ हुआ केस
नगर निगम नियुक्ति अधिकारी, जावेद, महमूद अली, अमरदेव, सुनील कुमार, मनोज कुमार गौड़, मोहम्मद परवेज, दिनेश कुमार, आलोक शर्मा,धर्मेंद्र, सुनील दत्त शर्मा, सुनील शर्मा, मनोज कुमार, राजकुमार, आरिफ, संजय शर्मा, राजेश कुमार, सतीश कुमार, नुकुल वत्स, नौशाद, साकिब खांन, हरवीर, सिंह और राजेंद्र कुमार हैं।