Monday, April 21, 2025

पाकिस्तान जेल से पहुंचा मछुआरे का शव, गांव में मचा कोहराम

लखनऊ। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय मछुआरे घुरहू बिंद की मौत के बाद उनका शव शनिवार आधी रात के बाद उनके पैतृक आवास पर पहुंचा। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शव को उनके घर लाया गया और परिजनों के अंतिम दर्शन के बाद जौनपुर के रामघाट पर दाह संस्कार करवा दिया गया। घुरहू के ज्येष्ठ पुत्र धीरज ने उन्हें मुखाग्नि दी।

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जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब डेढ़ बजे जिलाधिकारी द्वारा अधिकृत मत्स्य विभाग के अधिकारी और पुलिस के साथ शव को लेकर घुरहू बिंद के पैतृक आवास पहुंचे। शव के पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया और रोते-बिलखते परिजनों ने एंबुलेंस में ही अंतिम दर्शन किए। शव से उठ रही दुर्गंध के चलते मौके पर जुटे लोग दूर से ही प्रणाम करने लगे। आधे घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने शव के साथ जौनपुर के रामघाट पर पहुंचकर मृतक के ज्येष्ठ पुत्र से दाह संस्कार करवा लिया।

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इस दौरान मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुमार सौरभ, सीओ प्रतिमा वर्मा, तहसीलदार रवि रंजन कश्यप, ईओ विजय सिंह, उपनिरीक्षक इष्ट देव प्रसाद पांडेय और अन्य प्रशासनिक अधिकारी रात भर डटे रहे। साथ ही ग्राम प्रधान मृत्यंजय बिंद, भाजपा नेता रामचंद्र बिंद और भारी संख्या में ग्रामीण भी शव यात्रा में शामिल हुए।

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पाकिस्तान की जेल में घुरहू बिंद की मौत की खबर एक पत्र के माध्यम से उनके परिवार तक पहुंची। जेल में बंद मछुआरे धर्मेंद्र ने यह पत्र भेजा, जिसमें उसने बताया कि न्यायालय ने तीन बार घुरहू की रिहाई का आदेश दिया था, लेकिन पाकिस्तान के अधिकारियों ने उसे रिहा नहीं किया।

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घुरहू बिंद और छह अन्य मछुआरे 8 फरवरी 2022 को गुजरात के ओखा बंदरगाह से मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जहां पाकिस्तानी तटरक्षक बल ने उन्हें पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। इसके बाद से उनकी रिहाई की लगातार कोशिशें की गईं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी।

अंततः, जेल में हो रही प्रताड़ना से तंग आकर घुरहू ने आत्मघाती कदम उठाया और फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। जेल में बंद मछुआरे धर्मेंद्र ने एक पत्र के माध्यम से यह जानकारी भेजी, जिसमें उसने बताया कि 12 दिन पहले रात में लाइट कट जाने पर अंधेरे में घुरहू ने फंदे से लटककर जान दी।

घुरहू के परिवार को यह खबर मिलते ही, उनके परिवार के अन्य मछुआरों के परिजन भी दहशत में हैं और जेल में बंद अपने रिश्तेदारों के जीवन को लेकर चिंतित हैं। बुधवार को घुरहू के घर पर मौजूद उसकी पत्नी और अन्य परिजनों की आंखों से आंसू निकल आए, जब वे अपने पति की व्यथा बताते हुए भावुक हो गए।

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