नोएडा। डिफॉल्टर बिल्डरों से मुक्ति का रास्ता साफ़ हो गया है। जिन बिल्डरों को कम्पलीशन सर्टिफ़िकेट नहीं मिले हैं और उन्होंने फ़्लैट खरीदारों को क़ब्ज़ा दे दिया है। ऐसे फ़्लैट्स की रजिस्ट्री जल्द ही शुरू हो सकती हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के आदेश पर गठित की गई अमिताभ कांत समिति ने अपनी सिफ़ारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी हैं। जिसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि बिल्डरों पर बकाया का असर फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री पर नहीं होगा। मतलब, भले ही बिल्डर नोएडा,ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी का पैसा ना चुकाएं,फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं रुकेंगी।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दायरे में लंबित पड़ी आवासीय परियोजनाओं में क़रीब 1.67 लाख फ़्लैट ख़रीदार रजिस्ट्री का इंतज़ार कर रहे हैं। परिवारों की समस्या का समाधान अमिताभ कांत समिति की सिफ़ारिशों ने निकाल दिया है। जानकारी के मुताबिक़ 12 अगस्त को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक होगी और नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक 13 अगस्त को होगी। बोर्ड बैठकों में अमिताभ कांत समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। अगर प्राधिकरण के बोर्ड इन सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लेते हैं तो 1,67,000 फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ़ हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक़ राज्य सरकार चाहती है कि प्राधिकरणों के बोर्ड इन सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लें।