नई दिल्ली। संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत तमाम नेता मौजूद रहे।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “2001 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कृषि क्षेत्र और राष्ट्र के विकास में योगदान को मान्यता देने के लिए भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसान दिवस की घोषणा की गई थी। उन्हें 2024 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंं, क्योंकि समाज में खुशी और स्थिरता किसान की संतुष्टि पर निर्भर है। यह हम सभी के लिए यह संकल्प लेने का अवसर है कि कृषि भारत के उत्थान का आधार है।
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कृषि क्षेत्र और किसान कल्याण 2047 में विकसित राष्ट्र बनने के बुनियादी आधार हैं, जो अब एक सपना नहीं, बल्कि हमारी मंजिल है।” लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक्स पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर सादर श्रद्धासुमन। ग्राम विकास और कृषक हितों के साथ आम जनजीवन की प्रगति के लिए समर्पित जनसेवक के रूप में चौधरी जी सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनकी स्मृति में हर वर्ष मनाए जाने वाले किसान दिवस पर आज परिश्रम के पर्याय किसानों को हार्दिक शुभकामनाएं।”
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चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वे 1929 में कांग्रेस में शामिल हो गए। वे पहली बार 1937 में छपरौली से यूपी विधानसभा के लिए चुने गए और 1946, 1952, 1962 और 1967 में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और राजस्व, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना जैसे विभिन्न विभागों में काम किया। उन्हें उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता था। आगे चलकर वो देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने।