हरिद्वार। राज्य भर में 15 फरवरी से फायर सीजन का बिगुल बज जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में तैनात वन कर्मी अब पंद्रह जून तक घर बार छोड़ वनों की सुरक्षा व वन्यजीवों के संरक्षण में जुट जाएंगे। लेकिन फायर सीजन से एक दिन पूर्व वन आरक्षी संघ के हड़ताल पर चले जाने से संकट खड़ा हो गया है।
मामला हरिद्वार वन प्रभाग से जुडा हुआ है। वन बीट अधिकारी, वन आरक्षी संघ के बैनर तले आज सैकड़ों वनकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
हरिद्वार डीएफओ कार्यालय परिसर में वन कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इतना ही नहीं वन कर्मियों ने कार्य बहिष्कार भी किया। इस दौरान वन कर्मियों ने कहा कि वन सेवा नियमावली 2016 जो वर्षो से लंबित है उसको लागू किया जाए। वही समस्त वन कर्मियों को अतिरिक्त वेतन, आहार एवं आवास भत्ता भी दिया जाए। दस साल की सेवा पूरी करने वाले आरक्षियों को पदोन्नति के साथ ही वर्दी नियमों में संशोधन किया जाए। मांग पूरी न होने तक उन्होंने धरना जारी रखने की चेतावनी भी दी है। धरने में हरिद्वार जनपद की सभी रेंजो से जुटे वन कर्मी अपनी मांगो को लेकर सार्थक पहल की उम्मीद कर रहे हैं।
वन कर्मियों की हड़ताल और उधर कल से हरिद्वार मे बहुप्रतिक्षित कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है। हरिद्वार की श्यामपुर व चिड़ियापुर रेंज से लाखो की तादाद में शिवभक्त गुजरते हैं। ऐसे में इनकी सुरक्षा को लेकर वन फारेस्ट गार्डो की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वहीं साथ में फायर सीजन का भी बड़ा संकट मुंह बाए खड़ा है।
वन आरक्षी संघ के अध्यक्ष दुष्यंत सैनी का कहना है कि पूर्व मे हमने अपनी मांगो को लेकर छ दिनों तक बांह में काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया था। इसके बावजूद हमारी मांगो का कोई संज्ञान नहीं लिया गया, ऐसे में अब अपनी मांगो को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती,यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा।
इस संबंध में हरिद्वार वन प्रभाग की एसडीओ पूनम कैंथोला का कहना है कि आरक्षी फ्रंट लाइन स्टाफ होता है, इनकी मांगो को लेकर उच्च स्तर पर ही निर्णय लिया जाएगा। धरना जल्द समाप्त हो इसके प्रयास किए जाएंगे।