गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के अमटौरा गांव में 3 दिसंबर को शिवधनी उर्फ रामधनी निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने न सिर्फ गांव में बल्कि पूरे निषाद समाज में गुस्सा और शोक की लहर पैदा कर दी है। इस हत्याकांड को लेकर राजनीति भी गरमा गई है।
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5 दिसंबर को जब बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद और निषाद समाज के नेता जय प्रकाश निषाद संवेदना व्यक्त करने पीड़ित परिवार के घर पहुंचे, तो वहां मौजूद एसडीएम और इंस्पेक्टर पर उनका गुस्सा फूट पड़ा।
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जय प्रकाश निषाद ने एसडीएम और इंस्पेक्टर को लताड़ते हुए कहा, “अगर तुम्हारे बाप, मां या बेटे को गोली मार दी जाए, तो क्या करोगे? क्या संवेदना व्यक्त करने भी नहीं आ सकते?” उन्होंने आगे कहा, “डोंट टच मी! तुम जानते हो, मैं कौन हूं? अगर तुम्हारे साथ ऐसा हो तो बीच चौराहे पर गोली मरवा दूं, तो क्या करोगे?” इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे मामला और तूल पकड़ गया है।
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3 दिसंबर को दोपहर 3 बजे शिवधनी उर्फ रामधनी निषाद को उनके घर के पास गोली मार दी गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद से निषाद समाज के नेताओं और ग्रामीणों में आक्रोश है।
हत्याकांड के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। जय प्रकाश निषाद की संवेदना यात्रा के दौरान प्रशासन से उनका टकराव इस मामले को और बड़ा बना दिया। विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है।
पूर्व सांसद और निषाद समाज ने प्रशासन पर निष्क्रियता और असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है। आरोप है कि प्रशासन ने घटना के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घटना के बाद जांच की गति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
निषाद समाज ने इस मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की जा रही है। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा देने की भी मांग की गई है।
पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा राज्य सरकार पर दबाव है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और निषाद समाज को संतुष्ट करे।