इटावा- उत्तर प्रदेश के इटावा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत समेत दो लोगों को टीचर के बेटे की हत्या में दोषी करार दिया गया है। शुक्रवार को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी। जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने दोनों हत्यारोंपियों को दोषी करार दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 अप्रैल 2015 को कोतवाली इलाके के आनंदनगर वासी रिटायर्ड शिक्षक मोहर सिंह यादव के इकलौते बेटे संतोष यादव का अपहरण करने के बाद हत्या कर शव को सहसो इलाके की क्वारी नदी में फेंक दिया गया था। गोली लगने से संतोष की मौत हुई थी । 20 अप्रैल को अनजान शव मिलने के बाद रिटायर्ड टीचर मोहर सिंह यादव ने शव की पहचान अपने इकलौते बेटे के रूप में मौके पर जाकर की थी।
रिटायर्ड टीचर मोहर सिंह यादव ने भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत, उसके साथी विजयनगर निवासी दीपक शर्मा को नामजद किया था। दर्ज प्राथमिकी में यह दर्शाया गया था कि तड़के चार बजे उनके बेटे संतोष यादव को शिव प्रताप राजपूत और दीपक शर्मा फोर व्हीलर गाड़ी से उठाकर के ले गए हैं जिसके बाद उसका कोई पता नहीं चल रहा है।
इटावा कोतवाली में अपहरण के मामले को हत्या व सबूतों को मिटाने के मामले में तरमीम किया गया था। 40 साल का अविवाहित संतोष उनका इकलौता पुत्र था। जिला जज चवन प्रकाश ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान शिव प्रताप राजपूत और दीपक शर्मा को हत्या के मामले में दोषी करार देने के बाद हिरासत में ले लिया है। सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जायेगा।
हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए शिव प्रताप राजपूत भाजपा के प्रारंभिक तौर से नेता रहे हैं । बढ़पुरा ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रहने के बाद में भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं । बेशक पंचायत चुनाव के दौरान राजपूत कुछ समय समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए लेकिन इसके बाद फिर भारतीय जनता पार्टी में प्रभावी भूमिका में नजर आ रहे थे।
शिव प्रताप राजपूत की छवि इटावा और इटावा के आसपास प्रभावी लोधी नेता के रूप में मानी जाती रही है लेकिन हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि उनका राजनीतिक भविष्य अंधकार मय हो गया है।