कानपुर। कानपुर प्रेस क्लब के महामंत्री कुशाग्र पांडेय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे के सभी आरोपितों एवं अज्ञात लोगों की तलाश तेज कर दी है। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस उपायुक्त पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने दी।
पुलिस ने करोड़ों का मामला होने की वजह से इस प्रकरण के आरोपितों की तलाश तेज कर दी है। कुशाग्र पांडेय को पुलिस ने सोमवार की रात में ही जेल भेज दिया। यह जानकारी होते ही इस मामले के सभी आरोपित अपने—अपने बचने की जुगत में लग गए हैं। जिनके नाम दर्ज है वह पुलिस से बचने के लिए रात में ही फरार हो गए। कुशाग्र पांडेय के करीबी पत्रकार गौरव जैन की तलाश तेज कर दी है। इसके साथ ही पुलिस अन्य आरोपितों के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
पुलिस की टीमें कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे के आरोपितों में बचे हुए बेंगलुरू कर्नाटक निवासी दीपक पाल, हरबंश मोहाल निवासी दीपक पांडेय, श्याम नारायण पांडेय, सिरसी निवासी मनोज सिंह, समीर सिंह, धर्मेंद्र सिंह उर्फ,हरबंश मोहाल निवासी विनोद कुमार गुप्ता,अधिवक्ता सुभाष पांडेय, संदीप शर्मा, गौरव जैन पत्रकार व 20 अज्ञात की तलाश शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि कोतवाली पुलिस ने होटल में अवैध कब्जा करने एवं दो करोड़ की वसूली की धमकी मामले में सोमवार को कानपुर प्रेस क्लब के महामंत्री कुशाग्र पांडेय को गिरफ्तार किया। इस संबंध में मेघदूत होटल के मालिक की तहरीर पर ग्यारह नामजद और बीस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
अशोक कुमार मेहरोत्रा ने आरोप लगाया है कि मेघदूत होटल का स्वामित्व उनके पास है। वह इस होटल के भूतल को बेंगलुरू निवासी कमल पाल को किराए पर दिया था, लेकिन कमल ने एक फरवरी 1997 से किराया नहीं दिया। जिसके बाद वह कमल के खिलाफ कोर्ट चले गए। जेएससीसी 2 कोर्ट में कमल पाल के खिलाफ वाद दाखिल किया।
पीड़ित के मुताबिक न्यायालय का फैसला उनके पक्ष में आया और डिक्री भी हो चुकी है। न्यायालय का फैसला आने के बाद भी भूतल पर कमल का कब्जा रहा और दबाव बनाने के लिए उसने भू माफिया व अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का सहयोग लिया। अशोक कुमार के अनुसार कमल ने प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडे और अन्य के साथ मिलकर एक फर्जी मुख्तारआम तैयार कराया और मुकदमे में पैरवी की जाने लगी।
अशोक ने बताया कि उनकी संपत्ति से लगभग 100 मीटर दूर की 17/6 की भूमि का प्रतिरूपण कर उनकी स्वामित्व के मकान को बलपूर्वक, कूटरचित दस्तावेजों से कब्जा कर लिया है। अशोक ने बताया कि संपत्ति पर आदेश था कि किसी तरह का कोई कब्जा न किया जाए। कोर्ट आदेश आने के बाद आरोपियों ने 5 अक्टूबर 2023 को एक कूटरचित नोट रियल मुख्तारआम उसी दिन तैयार कराया।जिसमें मनोज सिंह और समीर सिंह को गवाह बनाया। इतना ही नहीं 17/3 माल रोड कानपुर नगर के स्थान पर एक कल्पित मकान नंबर 17/6 माल रोड कानपुर नगर दर्शाकर कुशाग्र पांडेय व उसके सहयोगियों ने मुख्तारआम तैयार करते हुए अशोक कुमार के मकान नंबर 17/03 माल रोड को 17/6 माल रोड दर्शित करते हुए अपने नाम करने के साथ कब्जा कर लिया। जबकि वह कोई मकान ही नहीं है। उन्होंने बार-बार संपत्ति खाली करने के लिए कहा, मगर आरोपियों ने पत्रकार होने की धमकी देकर जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा। इतना ही नहीं दो करोड़ रूपए भी मांगे गए, न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।