बाराबंकी। जैदपुर में दुकानों के साथ भवन को जर्जर बताकर बिना नोटिस ढहाने के मामले में उच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद एसपी ने शनिवार को जैदपुर के कोतवाल, चौकी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है।
कोतवाल समेत चार पुलिस कर्मियों और दो अन्य के खिलाफ जैदपुर थाने में डकैती की धारा में केस दर्ज किया गया है, जिसकी जांच सीओ फतेहपुर करेंगे। दुकानदार ने पुलिस कर्मियों पर दुकान का सामान व गल्ला उठा ले जाने का आरोप लगाया है।
जैदपुर के मोहल्ला नानपजान के इमामबाड़ा बाजार में बड़ापुरा निवासी फजरूल रहमान की ओर से वर्ष 1975 में एक भवन व चार दुकानें बनाई गई थीं। इसी में बड़ापुरा के जलील अहमद कई साल से कपड़े की दुकान संचालित कर रहे थे। इसे लेकर दुकान के मालिकानों से उसका दुकान खाली करने को लेकर केस चल रहा था। जलील के अनुसार सिविल कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला किया था।
सितंबर में फतेहपुर में जर्जर मकान गिरने की घटना के बाद जैदपुर पुलिस ने अपने स्तर से कस्बे में सर्वे कर इमामबाड़ा बाजार में स्थित इस भवन व दुकानों को जर्जर बताया था। 14 अक्टूबर को पुलिस ने जेसीबी से भवन व दुकानों को ध्वस्त करा दिया। इसी को लेकर दुकानदार जलील अहमद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे लेकर गत दिनों हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग की अनुपस्थिति में बुलडोजर चलवाने को लेकर पुलिस को फटकार लगाई।
गुरुवार को मामला गंभीर होते देख एसपी दिनेश कुमार सिंह ने जैदपुर के कोतवाल अनिल पांडेय, कस्बा चौकी प्रभारी सतीश कुमार दीक्षित, सिपाही जितेंद्र कुमार राय व प्रमोद कुमार गुप्ता को लाइन हाजिर कर दिया है। कोतवाल, चौकी प्रभारी, दो पुलिस कर्मियों व अतीकुर्रहमान व फसीउर्रहमान के खिलाफ डकैती व षडयंत्र रचने का केस दर्ज किया गया है।
एएसपी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मुकदमे की विवचेना सीओ फतेहपुर रघुवीर सिंह को दी गई है।
इधर एसपी ऑफिस बुलाया, उधर ढहा दीं दुकानें
दुकानदार जलील अहमद ने बताया कि वह दुकानें ढहाने का विरोध कर रहे थे। इस दौरान 14 अक्टूबर को उसे एसपी ऑफिस बुलाया गया। दुकानदार अपने पुत्र के साथ एसपी ऑफिस में ही था कि कस्बे से फोन आया कि दुकानें ढहा दी गईं। आरोप है कि दुकान का माल भी बाहर नहीं निकालने का मौका दिया। करीब एक लाख के कपड़े बर्बाद हो गए।