नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि चुनावों में हार से हताशा-निराश विपक्ष संवैधानिक पदों का अपमान कर रहा है।
बुधवार को संसद भवन परिसर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हालिया चुनावों में मिली पराजय से विपक्ष हताश और निराश है। आईएनडीआई अलायंस के नेताओं द्वारा उपराष्ट्रपति का अपमान उनकी बौखलाहट, अहंकार और संविधान विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। राहुल गांधी ने स्वयं इस कुकृत्य को एंप्लीफाई करने का कार्य किया है। ये केवल उप राष्ट्रपति का नहीं बल्कि उनके पूरे समाज, संविधान व देश का अपमान है। देश इसे कतई स्वीकार नही करेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम संविधान का अपमान करना है। उपराष्ट्रपति के पक्ष में अब लोग सामने आ रहे हैं। सड़कों पर आ रहे हैं। एनडीए के सांसद संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का सम्मान करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्रपति के बाद अब उपराष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक पद के अपमान पर आख़िर सोनिया, राहुल, ममता और खड़गे चुप क्यों हैं, देश से माफ़ी क्यों नहीं मांग रहे।
उपराष्ट्रपति का जो अपमान हुआ है, क्या वह स्वीकार्य है? खड़गे जी को एक बार नहीं कई बार बोलने के मौके दिए गए। सवाल यह है कि क्या वह चर्चा में शामिल भी होना चाहते हैं, भाग लेना चाहते हैं? कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल चर्चा से भाग रहे हैं। सारा देश यह देख रहा है कि विपक्ष किस तरह रोज हंगामा करते हैं, तख्तियां लेकर आते हैं, शोर मचाते हैं और अपनी चुनावी पराजय से देश का ध्यान भटकाना चाहते हैं। चुनावों में विपक्ष की जो करारी हार हुई है, उसकी हताशा उनके चेहरे पर नज़र आती है।
अनुराग ठाकुर ने कहा की उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद का अपमान विपक्ष को कैजुअल लगता है। ममता बनर्जी इसे कैजुअल बताती हैं। वह कहते हैं कि अगर राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो यह देश में एंप्लीफाई कैसे होता। इससे उनकी राजनीति का स्तर पता चलता है। ऐसे लोग प्रधानमंत्री बनने की लालसा रखते हैं।