नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में ऑफिस स्पेस लीजिंग 2024 में सालाना आधार पर 61 प्रतिशत बढ़कर 9.5 मिलियन स्क्वायर फीट हो गई है, जो कि देश के शीर्ष सात शहरों में सबसे अधिक है। यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। देश के शीर्ष सात शहरों में ऑफिस स्पेस की लीजिंग 50 मिलियन स्क्वायर फीट रही है, जो कि सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 2023 में ऑफिस स्पेस लीजिंग 38.64 मिलियन स्क्वायर फीट थी।
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एनारॉक ग्रुप की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुख्य रूप से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और टेक्नोलॉजी सेक्टर की मजबूत मांग के कारण हुआ। कुल लेनदेन में को-वर्किंग सेक्टर की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत रही है, जो कि 2023 के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी-आईटीईएस सेक्टर की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत घटकर 29 प्रतिशत रह गई, जबकि कंसल्टेंसी बिजनेस का कुल लेनदेन में योगदान 12 प्रतिशत का रहा है।
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एनारॉक ग्रुप के एमडी-कमर्शियल लीजिंग एंड एडवाइजरी, पीयूष जैन ने कहा,”वर्ष 2024 ऑफिस रियल-एस्टेट मार्केट के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में उभरा, जिसमें विविध क्षेत्रों द्वारा रणनीतिक विस्तार और प्रमुख बाजारों में मजबूत किराये की वृद्धि देखने को मिली है।” रिपोर्ट के अनुसार, एनसीआर के बाजार में नए ऑफिस निर्माण में कमी देखी गई, जो 2023 में 7.6 मिलियन वर्ग फुट की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 2024 में 5.9 मिलियन वर्ग फुट रह गया है। नई आपूर्ति सीमित होने के कारण बिक्री मजबूत रही है।
इसके कारण खाली स्थानों की संख्या में 2.6 प्रतिशत की कमी आई है जो कि पहले 22.6 प्रतिशत था। खाली ऑफिस की संख्या में कमी आने बाजार में मजबूती को दिखाता है। एनसीआर में औसत ऑफिस रेंटल रेट्स सालाना आधार पर 5 प्रतिशत बढ़कर 86 रुपये वर्ग फुट प्रति माह हो गई, जो 2019 से 10 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।