मेरठ। भाभी से झगड़े करते-करते कत्ल तक पहुंचा महबूब अब जिंदगी भर जेल की सलाखों के पीछे रहेगा। मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अगर वह जुर्माना नहीं भरता, तो एक साल और जेल में गुजारनी होगी। यह फैसला ऑपरेशन कनविक्शन के तहत महिला अपराधों पर कठोर कार्रवाई की दिशा में मेरठ पुलिस की एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
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नशेड़ी था महबूब, सगी भाभी से अक्सर होता था झगड़ा महबूब पुत्र फारुख, मूल निवासी काशीराम कॉलोनी, खरखौदा – नशे का लती था। भाभी गुलिस्ता से उसका आए दिन झगड़ा होता था। 16 जुलाई 2020 की रात यह झगड़ा खून-खराबे में बदल गया। महबूब ने भाभी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। गुलिस्ता की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गुलिस्ता के पति अय्यूब की शिकायत पर खरखौदा थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 28 अगस्त 2020 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। सशक्त पैरवी ने दिलाई इंसाफ की जीत इस पूरे मामले में खरखौदा पुलिस की भूमिका काबिल-ए-तारीफ रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन और सीओ किठौर के पर्यवेक्षण में महिला अपराधों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने केस की प्रभावी पैरवी कराई। सरकारी वकील मुकेश मित्तल, कोर्ट मोहर्रिर रविंद्र, इंस्पेक्टर खरखौदा और कोर्ट पैरोकार हरी सिंह की टीम ने कोर्ट में मजबूत पक्ष रखा, जिसके चलते आखिरकार महबूब को उसकी करतूत की कड़ी सजा मिली।