गाजियाबाद। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण(जीडीए)ने म्यूटेशन प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर म्यूटेशन के लिए आवेदन करने पर वारिसान का शपथ पत्र(एनओसी)अनिवार्य नहीं होगा।
पूर्व में, म्यूटेशन प्रक्रिया के तहत सभी वारिसान से एनओसी/शपथ पत्र की अनिवार्यता थी। हालांकि, म्यूटेशन हेतु नियमावली 2021 लागू होने के बाद पाया गया कि रजिस्टर्ड वसीयत के मामलों में इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है।
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इस संदर्भ में, गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के निर्देश पर सचिव जीडीए की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। इस समिति में अपर सचिव, प्रभारी व्यवसायिक और विधि अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। समिति ने नियमावली का गहन अध्ययन और विचार-विमर्श करने के बाद कुछ अहम निर्णय लिए हैं जो कि निम्न हैं।
1. रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर म्यूटेशन आवेदन के लिए सभी वारिसान का एनओसी अनिवार्य नहीं होगा।
2. रजिस्टर्ड वसीयत को संबंधित तहसील से सत्यापित किया जाएगा।
3. म्यूटेशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक राष्ट्रीय अखबार में आपत्ति/सुझाव हेतु सूचना प्रकाशित की जाएगी।
4. जनता की सुविधा के लिए म्यूटेशन प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाया जाएगा।
जीडीए वीसी अतुल वत्स नेे कहा कि यह निर्णय म्यूटेशन प्रक्रिया को अधिक जनोन्मुखी बनाने और नागरिकों को अनावश्यक विलंब से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जीडीस का यह प्रयास नागरिकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम और पारदर्शी बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।