गाजियाबाद। नगर निगम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रयोग से लोगों की सुविधाओं को विस्तार देने के लिए लगातार काम कर रहा है। अब संपत्ति कर के विश्लेषण के लिए भी नगर निगम एआई का प्रयोग करेगा। इसकी मदद से कब किस उपभोक्ता द्वारा कितना संपत्ति कर जमा कर दिया गया, किसका संपत्ति कर बकाया है। इसकी जानकारी समय-समय पर अधिकारियों को मिलती रहेगी। इसके अलावा रिमाइंडर के अनुसार उपभोक्ताओं के मोबाइल पर भी बकाया बिल को लेकर नोटिफिकेशन जाता रहेगा।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि इसके लिए नगर निगम के बिल बनाने वाले साफ्टवेयर को अपडेट कर दिया गया है, जिससे बिल जमा करने वालों के डेटा को अलग कर लिया जाएगा और बकायेदारों को स्वत: मैसेज चला जाएगा। शहर में चार लाख 72 हजार संपत्ति कर के उपभोक्ता हैं। इसके अलावा एक लाख नए मकानों को जीआईएस सर्वे के बाद चिह्नित किया गया है, जिनसे वसूली के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 415 करोड़ रुपये कर वसूलने का लक्ष्य है। पिछले वर्ष की तुलना में अब तक 64 करोड़ रुपये अधिक संपत्ति कर वसूला गया है।
नगर निगम की सीमा के अंतर्गत बहुमंजिला इमारतों के लगभग 1.25 लाख फ्लैटों से संपत्ति कर वसूला जाना है। जिनमें 25 हजार नए करदाता शामिल हुए हैं। इनसे कर वसूली के लिए पहली बार इन्हें नोटिस जारी कर जल्द से जल्द कर जमा करने को कहा है। नगर निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एक लाख से ज्यादा भवनों को संपत्ति कर के दायरे में लाया गया है। इनमें कई ऐसी बहुमंजिला इमारतें भी शामिल हैं, जिनमें रहने वालों ने अब तक गृह कर जमा नहीं किया है।