नई दिल्ली। निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली अवकाश के एवज में नकद राशि (लीव इनकैशमेंट) पर कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इससे संबंघित अधिसूचना जारी कर दी है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली अवकाश के एवज में नकद राशि पर टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।
सीबीडीटी ने जारी एक अधिसूचना कहा है कि आयकर अधिनियम की धारा 10(10एए)(2) के तहत कर छूट की कुल सीमा 25 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी। यह धारा गैर-सरकारी कर्मचारियों को नियोक्ता से मिलने वाले भुगतान से संबंधित है। अधिसूचना के मुताबिक गैर-सरकारी कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण के एवज में अधिकतम 25 लाख रुपये की राशि पर मिलने वाली कर छूट की व्यवस्था एक अप्रैल, 2023 से लागू होगी।
दरअसल अभी तक गैर-सरकारी कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट के एवज में मिलने वाली नकद राशि पर कर छूट की सीमा तीन लाख रुपये ही थी। दरअसल यह सीमा वर्ष 2002 में तय की गई थी, जब सरकारी क्षेत्र में उच्चतम वेतमान 30 हजार रुपये प्रति माह हुआ करता था।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण के रूप में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जाएगा।