नयी दिल्ली- केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि सरकार किसानों की हर समस्या पर बात करने को तैयार है।
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श्री मुंडा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि कृषि और किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बातचीत चल रही है और सरकार हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार है।
किसान नेताओं की कल देर रात केंद्रीय मंत्रियों के साथ चली बैठक बेनतीजा रही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बातचीत करने की आवश्यकता है। सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए और किसान संगठनों को इसे समझना चाहिए।
श्री मुंडा ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है।किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कई पक्ष से बात करनी होगी । उसके बाद किसान संगठनों के साथ भी बात होगी। इसके अलावा अनुकूल और प्रतिकूल विषयों पर भी चर्चा करनी होती है जिससे व्यापक हित को देखा जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को इसे समझने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार की पद्धति और मापदंड होते हैं। यह मामला राज्यों से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर राज्यों के साथ भी विचार विमर्श होगा।
श्री मुंडा ने कहा कि एमएसपी में वर्ष 2013 – 14 की तुलना में वर्ष 2023 – 24 में एमएसपी दर की तुलना की जानी चाहिए। सरकार मानतीं है कि किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिलना चाहिए । लेकिन इसे राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट आई थी तो उस समय इसे खारिज किया गया था। कांग्रेस को इस पर पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।