नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने दारुल उलूम देवबंद द्वारा गजवा ए हिंद को वैधता देने के फतवे को भारत के खिलाफ युद्ध के लिए मुसलमानों को उकसाने की कोशिश बताते हुए सरकार से इसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दारुल उलूम देवबंद के इस फतवे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्लामी जिहादी आतंकवाद की जननी दारुल उलूम देवबंद द्वारा आतंकियों को मदद व उनकी पैरवी के किस्से तो लोगों ने बहुत सुने होंगे, लेकिन अब उसने अपने एक फतवे के द्वारा खुले में गजवा ए हिंद को उचित ठहराकर भारतीय संविधान और सरकार को कड़ी चुनौती दे दी है और सरकार को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस सिद्धांत को दुनियाभर के दर्जनों इस्लामिक देश खारिज कर चुके हैं, आखिर उस सिद्धांत को भारत में स्थापित करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है ?
विश्व हिंदू परिषद प्रवक्ता ने आगे कहा कि गजवा ए हिंद के अनुसार जो मुसलमान इसके लिए शहीद होगा, वो सबसे बड़ा गाज़ी कहलाएगा, उसको जन्नत मिलेगी। इसे वैध करार देकर दारुल उलूम देवबंद केवल भारत के ही नहीं बल्कि भारत के बाहर बसे हुए मुसलमानों को भी भारत के विरुद्ध युद्ध के लिए उकसा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह एकमात्र एक बड़ा मदरसा नहीं है, बल्कि इसकी प्रेरणा से लाखों मदरसे न सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे अनेक देशों में चल रहे हैं।
उन्होंने इस्लामिक जगत के विद्वानों, बुद्धिजीवियों और मुस्लिम उलेमाओं से भी आगे आकर यह स्पष्ट करने की मांग की है अगर वाकई इस्लाम में ऐसा लिखा गया है तो उन्हें बताना चाहिए कि भारत में संविधान का राज चलेगा या फिर ये फतवाई मानिसकता का राज चलेगा।
उन्होंने सरकार से भी इस मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।