ग्रेटर नोएडा। हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा स्थित यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष में वॉकथॉन का आयोजन किया। चलता रहे मेरा दिल’ नामक वॉकथॉन, जिसका उद्देश्य भारत में हो रही हृदयरोगों की बढ़ती हुई प्रवृत्ति पर प्रकाश डालना और सामान्य जीवन शैली के साधारण संशोधनों का हृदय स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है, इस पर जोर देना था।
भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार ने अस्पताल के परिसर से वॉकथॉन का उद्धघाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय क्रिकेटर सवा करीम, यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. अजय त्यागी, यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कपिल त्यागी मौजूद थे, और उनके साथ कई डॉक्टर्स और समर्पित अस्पताल कर्मचारी भी जुड़े थे। 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया,जिनमें स्थानीय आवासी और वृद्ध नागरिक शामिल थे और वॉकथॉन में हिस्सा लिया। सभी उपस्थित व्यक्तियों को मुफ्त टी-शर्ट दी गयी और वॉकथॉन के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार जीतने का मौका मिला। इसके अलावा हर प्रतिभागी को हृदय स्वास्थ्य जांच के लिए मुफ्त कूपन भी प्राप्त हुआ।
वॉकथॉन के बाद अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल द्वारा ‘हृदय स्वास्थ्य’ पर एक ज्ञानवर्धन सांवाद आयोजित किया गया। जिसमें वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज रंजन, ह्रदय सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ अखिल रुस्तगी, ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ दीपांकर वत्स, डॉ अजीत सिंह और डॉक्टर कृष्ण यादव जैसे प्रख्यात डॉक्टर शामिल थे। इस चर्चा में यह बताया गया कि हृदय संबंधित बीमारियों को रोकने में नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली की महत्वपूर्ण भूमिका है । भारतीय क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार ने इस दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया कि नियमित व्यायाम व सुबह की सैर से फिटनेस बेहतर होगी और ह्रदय स्वस्थ रहेगा। यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की यह पहल, इस जागरूकता के बारे में लोगों को शिक्षित करने और ह्रदय रोग जैसे जीवनसंघातक खतरे को कम करने के लिए उपयोगी है।
यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के असिस्टेंट मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार बालियान ने निष्क्रिय जीवनशैली के कारण हृदयरोगों के बढ़ने का जिक्र किया। उन्होंने चिंता जताई कि कई भारतीय लोग हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में अज्ञान हैं, और वॉकथॉन और स्वास्थ्य चर्चा जैसे कार्यक्रम लोगों को ह्रदय रोगों व उनके लक्षणों के प्रति जागरूक करने के लिए ज़रूरी हैं।
ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सीईओ अमित सिंह ने कहा कि गतिहीन, तनावग्रस्त और खराब जीवनशैली के साथ, हृदय संबंधी बीमारियां न सिर्फ उम्रदराज़ आबादी के बीच एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं। बल्कि युवाओं को भी अपना शिकार बना रही हैं। भारत में बढ़ती मृत्युदर में हृदय रोग का एक प्रमुख योगदान है। उन्होंने बताया कि इस वॉकाथॉन का मुख्य उद्देश्य दिल को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक व्यायाम, आहार और स्वस्थ जीवन शैली पर जागरूकता फैलाना है, ताकि लोगों को हृदय रोगों का शिकार होने से बचाया जा सके।
रिपोर्ट्स इस दिशा में सूचित करती हैं कि भारत में 2.8 मिलियन लोग विभिन्न प्रकार के हृदयरोग के खतरे में हैं, जिनमें से बहुत से लोग यह नहीं जानते कि उनकी उपेक्षाकृत आदतों ने उनके हृदय स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। हृदयरोगों को रोकने का सबसे सरल तरीका है अपनी जीवनशैली में सकरात्मक बदलाव और ओबेसिटी, मधुमेह, और उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देने वाले आहार के चयन से दूर रहना।