गाजियाबाद। सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला रोग विशेषज्ञों को एक महीने में 25 सिजेरियन प्रसव कराने जरूरी होंगे। अभी तक महीने में पांच प्रसव कराने का लक्ष्य था। जिसे बढ़ा दिया गया है। यह लक्ष्य सीएमओ ने गर्भवती महिलाओं के रेफर करने पर रोक लगाने के लिए तय किया है। हाल ही में कई गर्भवती महिलाओं को गंभीर बताकर रेफर किया गया लेकिन उनका सामान्य प्रसव एंबुलेंस में ही हो गया।
इस तरह की शिकायतों को सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने गंभीरता से लिया है। सीएमओ ने सभी सीएचसी, महिला अस्पताल और संयुक्त अस्पताल को निर्देश जारी कर सिजेरियन प्रसव की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। पिछले तीन महीने में जिले से 503 महिलाओं को अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया। गर्भवती महिलाओं को सर्जरी की जरूरत होने पर रेफर करने के बढ़ते मामलों को लेकर सीएमओ ने नाराजगी जताई। जिले में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और दो अस्पतालों में गर्भवती के सिजेरियन प्रसव की सुविधा है।
इसके बावजूद सर्जरी की जरूरत वाली गर्भवती को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है, जो शिकायतें मिली हैं उनके अनुसार रात में सीएचसी और अस्पताल में पहुंचने वाले ऐसे लगभग सभी मामलों में डॉक्टर गर्भवती को हायर सेंटर रेफर कर देते हैं। इससे गर्भवती और परिवार के लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सीएमओ ने निर्देश में कहा है कि अगर जरूरत हुई तो फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) पर गर्भवती का सिजेरियन से प्रसव कराया जाएगा।