हल्द्वानी। कोर्ट से संपत्ति कुर्की का आदेश मिलने के बाद पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद की नामी और बेनामी संपत्ति के चिह्नीकरण व आकलन का काम शुरू कर दिया है। दोनों की नामी व बेनामी संपत्ति की तलाश उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में की जाएगी।
हिंसा के मास्टरमाइंड बताए गए मलिक और उसके बेटे मोईद सहित कोर्ट ने उपद्रव के नौ आरोपितों की संपत्ति कुर्की के आदेश बुधवार को दिए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मलिक व उसके बेटे की करोड़ों की संपत्ति होने की आशंका है।
मलिक बनभूलपुरा का रहने वाला है। इसके अलावा उप्र से वह लंबे समय से कारोबार के लिहाज से जुड़ा है। 2004 में बसपा से मलिक ने हरियाणा की फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। इसके आधार पर उसकी तीन राज्यों में काफी संपत्ति होने की बात कही जा रही है। हल्द्वानी में भी जेसीबी की एजेंसी और बड़े स्तर पर प्लॉटिंग आदि काम वह करता रहा है। सूत्रों की मानें तो मलिक के पास नामी से ज्यादा बेनामी संपत्ति है। नैनीताल पुलिस ने बाप-बेटे की संपत्ति चिह्नीकरण और कीमत आकलन के लिए टीमें लगा दी हैं। सभी कार्रवाई पूरी कर टीमें इनपुट के आधार पर दूसरे राज्यों में भी पहुंचेगी। इसके साथ ही पुलिस मलिक के करीबियों, रिश्तेदारों और परिचितों की भी जांच करेगी, ताकि उसकी बेनामी संपत्ति का पता चल सके। वहीं फरार चल रहे बाकी के आठ नामजदों की भी संपत्ति जल्द चिह्नित कर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि चिह्नीकरण का काम शुरू हो चुका है। रिपोर्ट पूरी होते ही कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।