खुश रहना अपने आप में अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य है। यदि आपका मन खुश है तो आपको अपने आप का वातावरण भी खुशनुमा लगेगा। यदि आप उदास हैं तो दूसरों की प्रसन्नता भी आपको भारी प्रतीत होगी।
यह एक सच्चाई है कि खुश रहना एक कला है। जीवन में कुछ क्षण ऐसे आते हैं कि मनुष्य को चहुंओर निराशा ही हाथ लगती है। ऐसी परिस्थिति में खुश रहने वाले लोग स्वयं को उस निराशा से शीघ्र निकाल लेते हैं .
कुछ ऐसे हैं, जो निराश रहते हुए उदासी और अवसाद का शिकार हो जाते हैं। निराशा और दुखी रहने से लाभ तो कुछ होता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य आपसी सम्बन्धों और कैरियर पर इसका दुष्प्रभाव अवश्य पड़ता है, तो आप भी निराश न होकर खुश रहे।
हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। यदि आपका मन स्वस्थ होगा, तो सब कुछ अच्छा लगेगा। खुश रहने का सीधा सम्बन्ध मन से है। यह भी ध्यान रखें कि आपके सम्बन्ध, आपकी मित्रता अच्छे लोगों से हो वे ऐसे न हो।
जिनसे अपने मन की बात न कह सके अथवा उनके परामर्श आपकी उदासी में वृद्धि न कर दें। पुरानी बातें जो मन को पीड़ा देती हो उन्हें भुलाने का प्रयास करें। उन लोगों को भी क्षमा कर दें, जिन्होंने आपके लिए समस्याएं पैदा की है।