Friday, November 22, 2024

हरियाणा सरकार खत्म कर रही राज्य में खाली पद, भूपेन्द्र हुड्डा ने की निंदा, बोले- राज्य की पहचान मिटा रहे है

चंडीगढ़,। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार के सरकारी विभागों में रिक्त पदों को समाप्त करने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है। हुड्डा ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि एचपीएससी की भर्तियों में खेल कोटा खत्म करके भाजपा-जजपा ने अपना खेल व खिलाड़ी विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।

अब तक खिलाडिय़ों को एचपीएससी की भर्तियों में कोटा मिलता आया है, लेकिन एचपीएससी ने निकाली गई 95 पदों की नई भर्ती में इस कोटे को समाप्त कर दिया गया। हुड्डा ने कहा कि किसान, जवान और पहलवान यानी खिलाड़ी हरियाणा की पहचान हैं। हरियाणा के खिलाडिय़ों ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने प्रदेश का नाम रोशन किया है।

उनके सम्मान और प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान पदक लाओ,पद पाओ नीति बनाई गई थी। साथ ही खिलाडिय़ों को सभी नौकरियों में तीन प्रतिशत कोटा दिया गया था। लेकिन बीजेपी जेजेपी सरकार ने इस कोटे को खत्म कर दिया है।

अब अलग-अलग महकमों में दो साल से खाली पड़े पदों को खत्म करने वाले सरकार के फैसले का भी विरोध किया है। उनका कहना है कि हरियाणा के युवा पहले से ही देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हैं। सरकारी विभागों में 1.82 लाख पद खाली पड़े हैं। लेकिन भर्ती करने की बजाए बीजेपी-जेजेपी सरकार पदों को ही खत्म करके युवाओं पर सितम ढहा रही है।

आपको बता दे कि हरियाणा सरकार ने विभिन्न विभागों में दो साल से खाली पड़े पदों को समाप्त करने का फैसला किया है। इस संबंध में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। सरकार के इस फैसले से कर्मचारी संगठनों में रोष फैल गया है। रिक्त पदों को एक अप्रैल से समाप्त मान लिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से विभिन्न विभागों में 13 हजार 462 पद रिक्त समाप्त मान लिए जाएंगे।

हरियाणा में पिछले लंबे समय से सरकारी विभागों में भर्तियों को लेकर विवाद चल रहा है। जिस अनुपात में कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और प्रदेश की आबादी बढऩे के लिहाज से सरकारी दफ्तरों में कामकाज बढ़ रहा है उस अनुपात में नई भर्तियां नहीं हो रही हैं। सरकार शिक्षा विभाग में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नियुक्ति देकर काम चलाया जा रहा है। दूसरी तरफ अन्य विभागों में कौशल विकास निगम के माध्यम से भर्तियां की जा रही हैं। सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष तथा कर्मचारी संगठन सरकार कोस रहे हैं।

सरकार ने हाल ही में रेशनेलाइजेशन आयोग का भी गठन किया गया है। इससे पहले सरकारी विभागों में कर्मचारियों की मांग, उपलब्धता के आधार पर रेशनेलाइजेशन किया गया था। जिसके बाद जो पद अतिरिक्त बचे हैं उन्हें अब समाप्त किया जा रहा है। इनमें ज्यादातर पद ऐसे हैं, जो पिछले दो साल खाली हैं।

वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक आदेश में कहा है कि सभी पद, चाहे नव-सृजित हों या पुराने, जो पिछले दो वर्षों से अधूरे या खाली पड़े हैं, को समाप्त माना जा सकता है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में संबंधित विभाग ने एक महीने के भीतर औपचारिक समाप्ति आदेश जारी किया जाएगा, आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी स्थिति में पद के पुनरुद्धार पर विचार नहीं किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि यदि विभाग को इन पदों की आवश्यकता है, तो पूर्ण कार्यात्मक औचित्य वाली निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बाद नए पदों के सृजन के लिए नए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे जा सकते हैं। वित्त विभाग ने अपने आदेशों में यह भी साफ कर दिया है कि जिन पदों के लिए मांग पत्र हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा राज्य अधीनस्थ आयोग को पहले ही भेज दिया गया है और जिनके लिए विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं, उन्हें इस आदेश से छूट दी जाएगी। इस बीच सभी प्रमोशनल मामले भी इस आदेश के दायरे से बाहर होंगे।

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