मुरैना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के मुरैना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी यहां मुरैना, ग्वालियर और भिंड संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, “इन दिनों कांग्रेस के शहजादे को आए दिन मोदी का अपमान करने में मजा आ रहा है। वो कुछ भी बोलते जा रहे हैं। इससे कुछ लोग दुखी हैं कि देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग क्यों किया जा रहा है। मेरी सबसे विनती है कि कृपया कर आप दुखी मत होइए, गुस्सा मत कीजिए, आपको पता है कि वे नामदार हैं और हम कामदार हैं।”
उन्होंने कहा, “आजकल कांग्रेस के शाही परिवार के शहजादे पूरे देश में बढ़-चढ़कर कह रहे हैं कि अब आपकी संपत्ति का एक्स-रे होगा। हमारी माताओं-बहनों के पास जो पवित्र स्त्रीधन होता है, कांग्रेस उसे जब्त कर अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए, उसे बांटने की सार्वजनिक घोषणा कर रही है, मेनिफेस्टो में बता रही है। मैं आज देश के सामने पहली बार एक दिलचस्प तथ्य रखना चाहता हूं। जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा जी नहीं रही, तो उनकी जो प्रॉपर्टी उनकी संतानों को मिलनी थी, लेकिन पहले ऐसा कानून था कि उनको संपत्ति का हिस्सा मिलने से पहले सरकार एक हिस्सा ले लेती थी। तब चर्चा थी कि जब इंदिरा जी नहीं रही और उनके बेटे राजीव गांधी को ये प्रॉपर्टी मिलनी थी, तब अपनी उस प्रॉपर्टी को बचाने के लिए, उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पहले जो इनहेरिटेंस कानून था, उसको समाप्त कर दिया था।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाजपा सरकार में हुए विकास को भिंड, मुरैना, ग्वालियर के वो लोग और ज्यादा अनुभव कर रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस का काला दौर देखा है। भाजपा के लिए देश से बड़ा कुछ भी नहीं है, वहीं कांग्रेस के लिए अपना परिवार ही सब कुछ है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जवानों के जो हाथ बांध रखे थे, हमने उन्हें भी खुली छूट दे दी। हमने कहा, एक गोली आती है तो 10 गोली चलनी चाहिए, अगर एक गोला आता है तो 10 तोप चलनी चाहिए।
पीएम मोदी ने मंच से आगे कहा कि आजादी के समय कांग्रेस ने धर्म के नाम पर देश का विभाजन स्वीकार किया था। मां भारती के हाथों की जंजीर काटने की बजाय मां भारती की भुजाएं ही काट दी थी। देश के टुकड़े कर दिए थे, लेकिन कांग्रेस सुधरने को तैयार नहीं है। कांग्रेस को लगता है, यही उसके फायदे के लिए सरल रास्ता है। आज एक बार फिर कांग्रेस कुर्सी के लिए छटपटा रही है। अब कुर्सी पाने के लिए भांति-भांति के खेल खेल रही है। देश के नागरिकों की आंखों में धूल झोंक कर सत्ता हथियाने के लिए आपके भविष्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है। ये लोग फिर से धार्मिक तुष्टीकरण को मोहरा बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को ओबीसी वर्ग में शामिल कर दिया। उन्होंने रातों-रात एक कागज निकाल कर उन सबको ओबीसी घोषित कर दिया। सरकारी नौकरी और शिक्षा में ओबीसी के लोगों को जो आरक्षण मिलता था उसमें यह नए लोग डाल दिए गए। इस तरह ओबीसी समाज को जो आरक्षण मिलता था, वह चोरी छुपे छीन लिया गया।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस दलितों का, पिछड़ों का, आदिवासियों का हक छीनने का षडयंत्र लंबे समय से कर रही है। 19 दिसंबर, 2011 को तब की कांग्रेस की केंद्र सरकार धर्म के नाम पर आरक्षण देने का एक नोट कैबिनेट में लेकर आई थी। इस कैबिनेट नोट में कहा गया था कि ओबीसी समाज को जो 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, उसका एक हिस्सा काटकर, मजहब के नाम पर दिया जाएगा। सिर्फ 2 दिन बाद 22 दिसंबर, 2011 को इसका आदेश भी निकाल दिया गया। बाद में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया। ये सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन राहत नहीं मिली। 2014 में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाना पड़े, तो कानून भी बनाएंगे। लेकिन, 2014 में दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज जाग गया और उसके बाद सभी समाजों ने एक होकर कांग्रेस के सपनों को मिट्टी में मिला दिया, उनको सत्ता से बाहर कर दिया।