नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में तीन यूपीएससी परीक्षार्थियों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करेगा। आज याचिकाकर्ता कुटुंब की ओर से वकील रुद्र विक्रम सिंह की ओर से कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की गई। इसके बाद कोर्ट ने 31 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
कुटुंब नामक संस्था की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में चल रहे कोचिंग संस्थानों के अनधिकृत व्यावसायिक निर्माण और बिना किसी मानक के चलाए जाने की जांच का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि विभागों के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से पिछले कुछ सालों में कई जानें चली गईं। याचिका में दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली फायर सर्विस को पक्षकार बनाया गया है।
वकील सत्यम सिंह ने कार्यकारी चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरीज का सुरक्षा आडिट कराया जाए। पत्र में मांग की गई है कि दिल्ली नगर निगम के सभी नियमों, आग से सुरक्षा संबंधी नियमों और बिल्डिंग से जुड़े सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। पत्र में कहा गया है कि बाढ़ से सुरक्षा से उपकरण स्थापित किए जाएं और नालियों की उचित व्यवस्था हो खासकर बेसमेंट के लिए। पत्र में मांग की गई है कि इस पत्र पर हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान ले और कार्यवाही करे।
इससे पहले राष्ट्रीय प्रवासी मंच की ओर से वकील एपी सिंह ने एक याचिका दायर की है। याचिका में दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा के लिए उपाय करने की मांग की गई है। साथ मृतक तीन छात्रों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट दिल्ली नगर निगम को दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम करने और एहतियात के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि इस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी है। इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई।