जयपुर। मौसम का परिसंचरण तंत्र इस समय राजस्थान में बारिश और ओले गिरा रहा है, इसे कश्मीर में गिरना था लेकिन मौसम की यह प्लेट थोड़ा दक्षिण में खिसक गई तो अब यह बारिश और बर्फ के ओले राजस्थान में गिर रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग जयपुर केंद्र के मुताबिक वायुमंडल के उपरी स्तर पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ तथा वायुमंडल के निचले स्तर में पूर्वी राजस्थान पर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके असर से 20 मार्च को उदयपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। 23 मार्च से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके कारण 23-24 मार्च को फिर आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है।
राज्य के उत्तरी हिस्से में हनुमानगढ़ जिले के कई कस्बों में सोमवार सुबह ओलों के साथ तेज बारिश हुई। करीब 15-10 मिनट तक ओलावृष्टि से खेतों-सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। जयपुर, अलवर, झुंझुनूं, सीकर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर में आज भी सुबह से बादल छाए हुए हैं। कहीं कहीं बूंदाबांदी, बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने यहां अभी मौसम खराब रहने की आशंका जताई है। राजस्थान में पिछले दो-चार दिन से हो रही बारिश, ओले और तेज हवा से मौसम लगातार बिगड़ा हुआ है। तापमान इतना नीचे आ गया है कि मार्च में फरवरी जैसी ठंडक का महसूस हो रही है। जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर समेत अधिकांश शहरों में तापमान सामान्य से 4 से लेकर 12 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। जैसलमेर में कल दिन का अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं गया।
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि 21-22 मार्च को इन मौसम गतिविधियों में थोड़ी कमी आ सकती है, मौसम थोड़ा नॉर्मल रहेगा। फिर 23 मार्च की शाम से 25 मार्च तक भी राज्य में बारिश-आंधी का दौर जारी रह सकता है। बैक टू बैक तीन सिस्टम आने और बंगाल की खाड़ी में एक और नया वेदर सिस्टम बनने से मौसम खराब हुआ है। इसका असर राजस्थान के अलावा मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश राज्यों में देखने को मिल रहा है।
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा बताते हैं कि अभी राजस्थान में बदले हुए मौसम का कारण पश्चिमी जेट स्ट्रीम है। जेटस्ट्रीम वायुमंडल में 10-12 किलोमीटर ऊंचाई पर बनते हैं। यह सामान्य तौर पर हिमालय के उत्तर इलाके जम्मू कश्मीर में बनते हैं। इस बार यह थोड़ा खसक कर दक्षिण में आ गए हैं। इसके कारण ही राजस्थान, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में मौसम बदल गया है। सोमवार को जयपुर सहित प्रदेश के कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। दोपहर को धूप निकलनी शुरू हो गई। रविवार को तो मौसम के कई रंग दिखाई दिए। राजधानी क्षेत्र जयपुर, सीकर, दौसा, हिंडौली (बूंदी), अलवर (बहरोड), बाड़मेर सहित कई अन्य स्थानों पर ओलावृष्टि हुई। इसके कारण रजाई एक बार फिर निकल आई है।
राजस्थान में एक और पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। मार्च में यह चौथा पश्चिमी विक्षोभ है। यह विक्षोभ 22 से सक्रिय होकर 24 मार्च तक असर दिखाएगा। इसके कारण लोगों के गर्म कपड़े फिर से निकल आए हैं। बारिश के कारण रात का न्यूनतम तापमान काफी गिर गया है। इस कारण लोग रजाई ओढ़ने को मजबूर हो गए हैं। बदलते मौसम के बीच खांसी, जुकाम और बुखार के मामले बढ़ गए हैं। यह मौसम किसानों के लिए किसी कयामत से कम नहीं है। सरसों और गेहूं की फसल तैयार थी लेकिन बारिश ने उन्हें बर्बाद कर दिया है। खेतों में फसलें लेट गई हैं। जिस तरह से मौसम ने पलटा खाया है। इससे बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
मौसम केंद्र जयपुर और सिंचाई विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में जालोर, बारां, धौलपुर, गंगानगर, अजमेर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, नागौर, करौली, बाड़मेर, चूरू, झालावाड़ बूंदी, जोधपुर, सिरोही, बांसवाड़ा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, टोंक, बीकानेर, भरतपुर, जैसलमेर जिलों में बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरे हैं। सवाई माधोपुर के बौंली में 36, जोधपुर के ओसियां में 23, बालेसर में 24.5, नागौर के परबतसर में 44, दौसा के सैंथल में 29, मंडावर में 27, झुंझुनूं के सूरजगढ़ में 26, टोंक 25, भरतपुर के उच्चैन 31, बयाना में 23, उदयपुर के कुराबड़ में 28 एमएम बरसात हुई। तेज बारिश के कारण राजस्थान के अधिकांश जिलों में गेहूं की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। दौसा, हनुमानगढ़, गंगानगर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, अलवर जिलों में इन दिनों कई जगहों पर फसलों की कटाई चल रही है। कई जिलों में गेहूं तैयार हो गया, लेकिन तेज हवा और बारिश के कारण खड़ी और कटी फसलें पानी में डूब गईं।