Tuesday, November 26, 2024

 कानपुर में भाजपा का बढ़ा कद, प्रदेश टीम में पांच नाम शामिल,प्रकाश पाल बने कानपुर-बंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष

कानपुर। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की टीम में कानपुर के पांच नाम शामिल हुए हैं। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल को और मानवेंद्र सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। संगठन में कानपुर का कद बढ़ गया। शनिवार रात उप्र भाजपा ने प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा की। भाजपा की प्रदेश टीम में कानपुर के पांच नामों को शामिल किया गया है।

भाजपा में ओबीसी प्रकोष्ठ को मोर्चा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रकाश पाल को कानपुर-बुंदेलखंड का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। इनके नाम पर पहले ही बतौर क्षेत्रीय अध्यक्ष मुहर लग गई थी। हाल ही में कानपुर में हुई ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में प्रकाश पाल की एक सुर में प्रशंसा की गई थी।

कानपुर से सरकार में एक भी मंत्री नहीं, संगठन में कद बढ़ा

इस बार जब योगी सरकार का गठन हुआ तो कानपुर शहर से एक भी विधायक को मंत्रिमण्डल में स्थान नहीं मिल सका। जबकि कानपुर देहात से तीन मंत्री हैं। सतीश महाना को भी मंत्रिमण्डल से बाहर रखा गया था लेकिन बाद में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि इस बार भाजपा ने संतुलन बनाते हुए सरकार के मुकाबले संगठन में तवज्जो दी है। 18 प्रदेश उपाध्यक्ष में से चार नामों को कानपुर से स्थान दिया गया है।

मानवेंद्र सिंह का संगठन में बढ़ा कद

कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे मानवेंद्र सिंह को इस पर बार पार्टी ने प्रमोशन दिया है। उन्हें प्रदेश संगठन में स्थान देकर प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इनके साथ एमएलसी सलिल विश्नोई को भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त कमलावती सिंह और देवेश कोरी को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। लखनऊ स्थित प्रदेश भाजपा के मुख्यालय प्रभारी के तौर पर भारत दीक्षित को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

लोकसभा चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी

भाजपा में प्रदेश पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होता है। वर्ष-2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव को लेकर है। उल्लेखनीय है कि कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में 10 लोकसभा सीटे हैं। भाजपा के खाते में दसों सीटें हैं।

कन्नौज में डिंपल यादव को हराकर भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की थी। ऐसे में नए पदाधिकारियों पर 10 सीटों को बचाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में 52 विधानसभा सीटें भी हैं। लोकसभा सीटे कानपुर, अकबरपुर (कानपुर देहात), फर्रुखाबाद, कन्नौज, मिश्रिख, इटावा, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा है। संगठन के नए पदाधिकारियों को लोकसभा चुनाव जिताने के लिए बड़ी मजबूती के साथ जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।

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