Saturday, May 18, 2024

नोएडा से एचएचईडब्ल्यूए ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजा 8 सुझाव

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नोएडा। लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह बजट आम आदमी के लिए काफी खास होने वाला है। ऐसे में हर वर्ग को इस बजट से कई उम्मीदें है। इस आम बजट में लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत की उम्मीद है। वहीं विभिन्न उद्यमी संगठनों द्वारा बजट से पूर्व वित्त मंत्री को अपने-अपने संस्थानों से जुड़ी समस्याओं का सुझाव भेजने का क्रम जारी है। हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन (एचएचईडब्ल्यूए) ने भी बजट-2024-25 के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव वित्त मंत्री को भेजा है।

 

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हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने बजट से पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे 8 सुझावों के संबंध में जानकारी देने के लिए सोमवार को सेक्टर-29 स्थित नोएडा मीडिया क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता में एचएचईडब्ल्यूए के अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि हमें आगामी बजट 2024-25 से काफी उम्मीदें है। एसोसिएशन द्वारा हथकरघा/हस्तशिल्प निर्यात के संवर्धन और विकास में विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र पर अधिक जोर दिया गया है। लगभग 5900 निर्यातक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जो वीजन है कि 2030 तक हमें तीन गुना निर्यात करना है उसके लिए हमें आने वाले बजट में सरकार द्वारा कुछ बिंदुओं पर सहायता की आवश्यक्ता है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी बजट के लिए एचएचईडब्ल्यूए ने 8 सुझाव भेजे है। सीपी शर्मा ने बताया कि हस्तशिल्प क्षेत्र के निर्यातकों को पहले 5 से 7 फीसदी तक निर्यात प्रोत्साहन मिल रहा था।

 

अब 1 जनवरी 2021 से इसे 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक कम कर दिया गया है। अन्य एशियाई देशों और चीन से मूल्य निर्धारण में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण एसएमई निर्यातक बहुत प्रतिस्पर्धी मूल्य पर ऑर्डर निष्पादित और प्राप्त कर रहे थे। विदेशी खरीदारों को कीमत उद्धृत करते समय हमेशा इस प्रोत्साहन को ध्यान में रखा जाता है, अब इस समय यह भारी कटौती उनके अस्तित्व को प्रभावित कर रही है और अब केवल अपने अस्तित्व के लिए वे ब्रेक ईवन पॉइंट के नीचे ऑर्डर निष्पादित कर रहे हैं। इसलिए इन दरों पर पुनर्विचार करने का आग्रह वित्त मंत्री से किया गया है। उन्होंने बताया कि क्विल्टेड मेड अप के निर्यातकों को एचएसएन कोड 9404 में रखा गया है जबकि मेड अप अध्याय 63 में आता है। इसलिए सुझाव है कि इसे या तो अध्याय 63 में आना चाहिए या 9404 एचएसएन कोड को आरओएससीटीएल योजना के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा गया है कि कच्चे माल की खरीद लागत में 50 फीसदी तक की वृद्धि हुई है, यहां तक कि कुछ मामलों में यह 70 फीसदी से भी अधिक है और दुर्भाग्य से अधिकांश विदेशी खरीदार इस वृद्धि पर विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनका समुद्री माल भाड़ा भी बहुत अधिक हो गया है।

 

इसलिए हमारा सुझाव है कि सरकार को कीमतों में अनुचित वृद्धि को रोकने के लिए या तो कोई नीति बनानी चाहिए या समय-समय पर हस्तक्षेप करना चाहिए। अन्य सुझाावों में कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 54 की तर्ज पर औद्योगिक संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ छूट की अनुमति देने के लिए एक धारा डालने का प्रस्ताव करें। माल ढुलाई और रसद लागत में काफी वृद्धि हुई है। अधिकांश शिपिंग लाइनें समुद्री माल ढुलाई में अनुचित व्यापार प्रथाओं को अपना रही हैं और यह 8-9 प्रतिशत के अंतरराष्ट्रीय मानक के मुकाबले लेनदेन मूल्य का लगभग 13-14 फीसदी खर्च कर रही है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के शुभारंभ के समय प्रधानमंत्री ने भी इस ओर ध्यान दिलाया था। इसके अलावा उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए विशेष एवं उदार नीति बनाए जाने संबंधी अपने सुझाव वित्त मंत्री को भेजे हैं।

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