Friday, April 25, 2025

हाईकोर्ट ने एनआईसी से छीना लिस्टिंग का काम, अब खुद करेगा मुकदमा लिस्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने वादों के लिस्टिंग (सूचीबद्धता) की समस्या को देखते हुए नेशनल इंफारमेशन सेंटर (एनआईसी) से यह काम छीन लिया है। हाईकोर्ट लिस्टिंग का काम अब खुद अपने अधीन कर्मचारियों से कराएगा। नई व्यवस्था (कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम) को नए साल के पहले दिन से ही लागू कर दिया गया है।

लिस्टिंग की नई व्यवस्था शुरू होने से पहले दिन वादों की सुनवाई प्रभावित रही। कोर्टें ठीक से काम नहीं सकीं। इस वजह से नो एडवर्स का आदेश भी पारित कर दिया गया था। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि बुधवार को ऐसी ही स्थिति बने रहने की सम्भावना है। इस वजह से हाईकोर्ट प्रशासन से बुधवार को भी नो एडवर्स आदेश पास करने का आग्रह किया गया है।

दरअसल, एनआईसी को लिस्टिंग का काम चार-पांच साल पहले से ही सौंपा था। लेकिन वादों की लिस्टिंग को लेकर आए दिन समस्या हो रही थी। इसको लेकर अधिवक्ताओं में रोष था। कोर्ट के आदेशों का भी अनुपालन नहीं हो पा रहा था। एनआईसी कर्मचारियों पर वादों को लिस्टिंग करने में मनमानेपन का आरोप लग रहे थे। हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के बीच यह चर्चा-ए-आम है कि एनआईसी कर्मचारी वादों को लिस्टिंग करते समय पहले या बाद में नंबर लगा रहे थे। कई केस ऐसे भी सामने आए जो कोर्ट द्वारा डिस्पोज (निस्तारित) या रद्द कर दिए गए। बावजूद इसके सूचीबद्ध कर दिए गए। कोर्ट ने ऐसे मामलों में जांच के आदेश दिए हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट प्रशासन ने एनआईसी से यह काम छीनकर खुद के अधीन कराने का निर्णय लिया है। अब हाईकोर्ट के कर्मचारी लिस्टिंग का काम करेंगे। इसके लिए एक साफ्टवेयर भी विकसित कराया गया है।

[irp cats=”24”]

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा कहते हैं कि एनआईसी सेंटर केंद्र सरकार शासित कर रही है। इस वजह से हाईकोर्ट प्रशासन उनके कर्मचारियों को सीधे गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम करने पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। इसका खामियाजा अधिवक्ता और वादकारियों को भुगतना पड़ रहा था।

उनके अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान अधिवक्ताओं ने इसके लिए आंदोलन किया और पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग की थी। हालांकि, तब यह लागू नहीं हो सका था। वर्तमान अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि नई व्यवस्था कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो गया है। बताया गया है कि अधिवक्ताओं को तीन-चार दिन तक परेशानी हो सकती है। उसके बाद यह सिस्टम ठीक से काम करने लगेगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय