Sunday, December 22, 2024

गाय के गोबर से बनेगा उच्च क्वालिटी का पेंट, इसकी आय से निगम की गौशाला होगी आत्मनिर्भर-डा. अजय सिंह

सहारनपुर। सहारनपुर नगर निगम जयपुर की खादी ग्रामोद्योग आयोग की एक संस्था जहां खादी इंडिया प्राकृतिक पेंट बनता है के सहयोग से गाय के गोबर से उम्दा क्वालिटी का पेंट तैयार करेगी। डेढ़ माह के भीतर निर्माण शुरू हो जाएगा। इसकी आय से नगर निगम द्वारा संचालित मां शाकुम्बरी कान्हा उपवन गौशाला आत्मनिर्भर हो सकेगी। इसी गौशाला द्वारा गौमूत्र से गौनाइल यानि फिनाइल तैयार हो रहा है और गोबर गैस से जनरेटर के जरिए बिजली पैदा हो रही है जिसका इस्तेमाल गौशाला में हो रहा है। गोबर से कंडे और धूपबत्ती आदि भी बनाई जा रही है। जिनकी बिक्री से अच्छी खासी आय होती है।

मेयर डा. अजय सिंह ने बताया कि पेंट बनाने में 20 से 30 फीसद गाय के गोबर का इस्तेमाल होगा और इतनी ही मात्रा में उसमें पानी मिलाया जाएगा। सोडियम, हाईड्राक्साइड, चूना, बाइंडर, लिंसेड आयल और टाइटिनियम आक्साइड आदि रसायन मिलाकर उत्तम क्वालिटी का पेंट तैयार हो जाएगा। नवादा रोड़ पर गौशाला से पहले एक बड़ा भवन बनाया गया है, मशीनें भी खरीद ली गई हैं जिनकों जल्द ही स्थापित कर दिया जाएगा उसके बाद संयंत्र काम करना शुरू कर देगा। मेयर डा. अजय सिंह ने कहा कि पेंट के निर्माण और बिक्री से होने वाली आय गौशाला में  पल रहे गौवंश पर खर्च होगी। इस संयंत्र में डिस्टेम्परल, इमनसल पेंट बनाए जाएंगे। डिस्टेम्परल पेंट का बाजार भाव 120 रूपए के करीब है और इमनसल पेंट की कीमत 225 रूपए प्रति लीटर मिल जाएगी। बड़े ब्रांड के पेंट बाजार में ढाई सौ से साढ़े तीन सौ रूपए प्रति लीटर मिलते हैं।

 

नगर निगम के सभी भवनों पर इसी पेंट का इस्तेमाल किया जाएगा। नगर निगम के  पशु चिकित्सा और कल्याण अधिकारी डा. संदीप मिश्रा के मुताबिक गाय के गोबर से तैयार पेंट की खास बात यह होगी कि उसमें भारी धातु नहीं होगी और यह इकोफ्रेंडली, एंटीफंगल होगा और विषैला भी नहीं होगा। यानि कि मनुष्यों पर इस पेंट के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेंगे। यह गर्मी को भवन के अंदर जाने नहीं देगा, आंखों में जलन नहीं करेगा और बाजार में प्रचलित बड़े ब्रांड के पेंट की तुलना में काफी सस्ता और विशिष्ट खूबियों से भरपूर होगा। ध्यान रहे निगम की गौशाला में 200 से अधिक गौवंश का पालन हो रहा है। जहां से प्रतिदिन कई क्विंटल गोबर निकलता है। गोबर के बड़े हिस्से को किसानों को बेचा जाता हैं जो उसका खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उम्मीद की जा रही है कि पेंट का उत्पादन दीपावली से पहले हो जाएगा और इससे नगर निगम सहारनपुर को अच्छी आय होने लगेगी।

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