बागपत। बागपत में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। जहां एक पिता ने अपनी बेटी को लड़के से बात करने पर इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। बाद में बेटी के शव को भाई के साथ मिलकर ठिकाने लगा दिया। घटना के करीब 10 बाद किसी अज्ञात युवक की कॉल से पुलिस हरकत में आई और आखिरकार हत्यारे पिता को गिरफ्तार करके थाने ले आई, जहां पूछताछ के दौरान पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पूछताछ के दौरान बताया कि यहां होमगार्ड पिता ने 16 साल की बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पिता ने अपने भाई को घर बुलाया। उसके साथ शव बोरे में पैक किया। घर से 5 किमी दूर हिंडन नदी में फेंक दिया। यह वारदात 10 दिन पुरानी यानी 23 फरवरी की है। एक अज्ञात युवक की कॉल के बाद पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की।
पिता को घर से उठाकर थाने ले गई। सख्ती से पूछताछ की। पिता टूट गया और हत्या की बात कबूल ली। उसने बताया कि बेटी को किसी लड़के से फोन पर बात करते हुए देख लिया था। गुस्से में उसको इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। पिता के कबूलनामे के बाद गुरुवार को लड़की का शव नदी से बरामद किया गया। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि वारदात में शामिल चाचा की तलाश के लिए दबिश दे रही है।
पिता का कबूलनामा
जिया 10वीं में थी। उसका पढ़ने में मन नहीं लग रहा था, सारा दिन फोन पर रहती थी। किसी से फोन पर बात करती थी। उसे कई बार मना किया, फिर भी नहीं मानी। कुछ दिनों पहले गांव के एक लड़के के साथ उसे मिलते देखा था। तब भी समझाया था। 23 फरवरी को भी वह उसी लड़के से बात कर रही थी। मुझे गुस्सा आया, तो मैंने उसे पीटना शुरू कर दिया। गुस्से में इतना पीटा कि वह मर गई। इसके बाद भाई मोहित के साथ मिलकर शव को हिंडन नदी में फेंका और घर आ गए।
वारदात चांदीनगर थाना क्षेत्र के पांची गांव की है। सीओ प्रीता सिंह ने बताया कि 23 फरवरी की रात प्रमोद उपाध्याय घर पहुंचा। वह नशे में था। उसने देखा की बड़ी बेटी जिया (16) किसी लड़के से छत पर फोन पर बात कर रही है। यह देखकर वह आगबबूला हो गया। उसने बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिया 10वीं की छात्रा थी।
हत्या के बाद उसे कुछ समझ नहीं आया। पड़ोस में ही प्रमोद का भाई मोहित रहता था। वह कार चलाता था। उसने अपने भाई को कॉल करके घर बुलाया। मोहित कार लेकर पहुंचा। वहां दोनों ने शव को कार में रखा। रात के अंधेरे में घर से 5 किमी. दूर हिंडन नदी में शव फेंक दिया। यह इलाका पूरी तरह सुनसान रहता है। आमतौर पर यहां कोई आता जाता नहीं है।
सुबह ड्यूटी पर गया, किसी को शक नहीं हुआ
बेटी की हत्या के बाद भी घर में किसी तरह की कोई हलचल नहीं थी। पुलिस पूछताछ में पता चला कि प्रमोद अगले दिन से ही ड्यूटी जा रहा था। जिया समेत प्रमोद के 6 बच्चे थे। 2 बेटे और 4 बेटियां। जिया सबसे बड़ी थी। वह 10वीं में पढ़ती थी। बाकी, बच्चे भी सामान्य तरीके से स्कूल जा रहे थे। पत्नी अपने काम से घर के बाहर निकलती थी। ऐसे में गांव में किसी को ज्यादा शक नहीं हुआ। हालांकि, इस दौरान प्रमोद का परिवार किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहा था।
वारदात के दो दिन बाद यानी 25 फरवरी को किसी अज्ञात शख्स ने सीएम पोर्टल में शिकायत की। शिकायत में लड़की के लापता होने की सूचना दी। तब पहली बार मामला लोकल पुलिस तक पहुंचा। पुलिस तफ्तीश करते हुए प्रमोद के घर पहुंची। वहां प्रमोद नहीं मिला। मोबाइल पर बात की तो उसने पुलिस को बरगला दिया। कहा- बेटी कहीं भाग गई है। शर्म के कारण वह किसी से कुछ नहीं बता पा रहा है। पुलिस को भी सूचना नहीं दी। पिता की इस बात पर पुलिस को काफी हद तक भरोसा हो गया। वह वापस चली गई।
दो दिन पहले थाने पर अज्ञात युवक ने किया था फोन
इसके बाद पुलिस ने भी उतनी सक्रियता नहीं दिखाई। सब कुछ सामान्य चल रहा था। सीओ प्रीता सिंह ने बताया कि 1 मार्च को थाने पर किसी अज्ञात युवक ने कॉल किया। उसने लड़की की हत्या का अंदेशा जताया। इस सूचना पर पुलिस फिर घर पर गई और पिता को उठाकर थाने ले आई। यहां कड़ाई से पूछताछ पर जुर्म कबूल कर पूरी वारदात बताई।