नई दिल्ली। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने 2032 तक भारत में करीब 32,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। कंपनी ने 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में मजबूत और स्थिर वृद्धि का अनुमान जताया है। कंपनी आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी है। इस आईपीओ के जरिए 3.26 बिलियन डॉलर तक की धनराशि कंपनी जुटाना चाहती है। इसके लिए शेयरों का कारोबार 22 अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है।
सेबी के पास दाखिल वाहन निर्माता के आईपीओ दस्तावेजों के अनुसार, “हमने अपने चेन्नई विनिर्माण संयंत्र के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। हमने अपने तालेगांव विनिर्माण संयंत्र के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ प्रस्ताव पत्र पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं, जिसका संचालन अभी शुरू होना है, इन सभी में निवेश कमिटमेंट शामिल है, जिनकी कुल राशि लगभग 3,20,000 मिलियन (32,000 करोड़ रुपये) है।” मसौदा दस्तावेजों (ड्राफ्ट पेपर) के अनुसार, कंपनी ने कहा कि उसका भावी पूंजीगत व्यय संयंत्र, संपत्ति और उपकरण तथा नए यात्री वाहन मॉडल लॉन्च से संबंधित परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए होगा।
हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उन्सू किम ने कहा कि स्थानीय बाजार पर विभिन्न कंपनियों के बढ़ते फोकस और मजबूत सरकारी समर्थन के कारण ईवी की वृद्धि बढ़ेगी। किम ने आगे कहा, “हमारा मानना है कि भारतीय ईवी बाजार में 2030 तक मजबूती और स्थिरता से वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण सरकार का मजबूत नेतृत्व और कई ओईएम का इस सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करना है। एचएमआईएल के पास वैश्विक बैटरी टेक्नोलॉजी तक पहुंच है, इसलिए हम एक ईवी इकोसिस्टम को बना रहे हैं।”
वाहन निर्माता ने इस वर्ष के लिए 7,75,000 इकाइयों का उत्पादन लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष के 7,65,000 इकाइयों से अधिक है। हुंडई मोटर ने दक्षिण कोरियाई वित्तीय पर्यवेक्षी सेवा के एक विनियामक फाइलिंग में कहा कि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 1,865-1,960 रुपये के बीच निर्धारित किया गया है। यह घोषणा सियोल स्थित मूल कंपनी द्वारा भारतीय सहायक कंपनी में अपने 812.54 मिलियन शेयरों में से 17.5 प्रतिशत बेचने के फैसले के बाद की गई है।