Tuesday, April 29, 2025

मैं ‘भूलो और माफ करो’ में विश्‍वास करता हूं, सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह मुझे नहीं छोड़ रहा: गहलोत

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि वह भूलो और माफ करो के सिद्धांत का पालन करते हैं, और इसलिए राज्य का शीर्ष पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह उन्हें नहीं छोड़ रहा है।

गहलोत की टिप्पणी विधानसभा चुनाव से पहले उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के साथ सत्ता संघर्ष की पृष्ठभूमि में आई है।

यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गहलोत ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह मुझे नहीं छोड़ रहा है; और शायद भविष्य में भी मुझे नहीं छोड़ेगा।”

[irp cats=”24”]

उनसे पूछा गया था कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनमें कुछ तो बात होगी कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें तीन बार राज्य का नेतृत्व करने के लिए चुना।

उन्‍होंने कहा, “जब सोनिया गांधी पहली बार पार्टी प्रमुख बनीं तो उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए चुना। उन्होंने मेरे प्रदर्शन को देखकर मुझे चुना। मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में चुना। जब मैं चुनाव हार गया तब भी मुझे मुख्यमंत्री का कार्यभार सौंपा गया। और फिर जब हम 2013 में हारने के बाद 2018 में जीते, तो मुझे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया।”

उन्होंने कहा, ”मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और यह मुझे नहीं छोड़ेगा।”

पायलट के साथ उनके मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर, गहलोत ने कहा कि वे एकजुट हैं। “मैंने कहा है कि हम एकजुट हैं। जब लोग उनके साथ चले गए (2020 में सचिन पायलट के साथ) और फिर भी उन्‍हें टिकट मिल रहे हैं, इससे बड़ा उदाहरण मैं क्या दे सकता हूं। मैंने एक भी टिकट का विरोध नहीं किया है। आप समझ सकते हैं कि हमारे मन में सभी के लिए कितना प्यार है।”

गहलोत ने यह भी कहा कि आगे चलकर नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह सभी को स्वीकार्य होगा।

गहलोत ने कहा, ”टिकटों के लिए केवल एक ही मानदंड है और वह है कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन के लिए जीतने की क्षमता।”

गहलोत की सरकार को 2020 में पायलट और उनके वफादार विधायकों के नेतृत्व में विद्रोह का सामना करना पड़ा था, जिससे कांग्रेस सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गई थी।

पायलट और उनके वफादारों ने जयपुर के बाहरी इलाके में एक होटल और फिर जैसलमेर के एक होटल में एक साथ डेरा डाला था।

गहलोत ने कहा कि उन्होंने ‘माफ करो और भूल जाओ’ की नीति अपनाई है और आगे बढ़े हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के टिकट देने पर पार्टी के भीतर कोई मतभेद है, उन्होंने कहा कि कोई मतभेद नहीं है और सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं।

गहलोत ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा के विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आई-टी) की छापेमारी का भी कड़ा विरोध किया। उन्होंने आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण केंद्रीय एजेंसियों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।

200 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को पुनर्निर्धारित किया गया है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी।

 

 

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय