Saturday, May 18, 2024

फिल्म रिव्यूः ड्रामा और इमोशन्स से भरपूर ‘बवाल’, शानदार दिखी वरुण-जान्हवी की केमिस्ट्री

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मुंबई। वैवाहिक कलह या रिश्ते के मुद्दों पर आधारित एक दर्जन से भी ज्यादा फिल्में बनाई गई हैं, जिनमें एक पुरुष और एक महिला के बीच अंतरंग संबंधों में आई दरारों को नए और अलग नजरिए से देखने की कोशिश की गई है।

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‘दंगल’ व ‘छिछोरे’ जैसी फिल्में बनाने वाले निर्देशक नितेश तिवारी ने ‘बवाल’ में शादी के एक और पक्ष को तलाशने की कोशिश की है, जिसमें आदमी अपनी पर्सनल इमेज के बजाय अपनी पब्लिक इमेज को लेकर ज्यादा चिंतित है।

अजय दीक्षित, जिसे लोग प्यार से अज्जू कहते हैं, इसका किरदार वरुण धवन ने निभाया है। वह अपने माता-पिता मनोज पाहवा और अंजुमन सक्सेना के साथ लखनऊ में रहता है और बतौर इतिहास के टीचर के रूप में काम करता है।

उसने लखनऊ में अपनी इमेज को ऐसी बनायी हुई है कि पूरे लखनऊ शहर में उसके ही चर्चे होते हैं। लेकिन वह असल में अपनी इस झूठी इमेज से बिल्कुल उलट है। वह अपने माता-पिता की इकलौती औलाद है। उसे घर पर काफी डांट पड़ती रहती है।

इतिहास टीचर के रूप में वह अपनी नौकरी से खुश नहीं है। इस बीच, अज्जू को निशा दीक्षित नाम की लड़की से प्यार हो जाता है, जो टॉपर और बहुत समझदार लड़की है। निशा का किरदार जान्हवी कपूर ने निभाया है। वह उससे शादी करना चाहता है, इसलिए नहीं कि वह उससे प्यार करता है, बल्कि इससे कि वह उससे शादी करके सामाज में अपनी झूठी शान बना सके।

निशा और अज्जू की शादी हो जाती है। शादी की पहली रात को अज्जू को पता चलता है कि निशा को बचपन से मिर्गी जैसी बीमारी की शिकायत रही है। वह निशा को आए मिर्गी के दौरे को कंट्रोल करने की कोशिश करता है। यह खुलासा उसे अंदर से तोड़ देता है।

वह शर्म के चलते अपने दोस्तों का सामना नहीं करता। अज्जू को इस बात का डर सताता है कि अगर कभी सार्वजनिक तौर पर निशा को ये दौरा पड़ेगा तो उसकी पब्लिक में इमेज का क्या होगा, इसलिए वह निशा से दूर रहने का फैसला करता है। वह शादी को खारिज करना चाहता है, जिसके चलते वह हर दिन दोस्तों के साथ शराब पीने लगता है।

एक सीन में, क्लास का एक छात्र इतिहास से संबंधित सवाल अज्जू से पूछता है, लकिन वह जवाब नहीं दे सका। जिसके बाद वह छात्र अज्जू का मजाक उड़ाता है। इससे गुस्साए अज्जू छात्र को थप्पड़ जड़ देता है। वह छात्र स्थानीय सांसद (मुकेश तिवारी) का बेटा है। अपने बेटे को थप्पड़ मारे जाने पर वह स्कूल के प्रिंसिपल से शिकायत कर अज्जू को एक महीने के लिए सस्पेंड करा देता है।

बिगड़ती इमेज को सुधारने का जुगाड़ लगाते हुए वह अपने माता-पिता से पैसे लेकर यूरोप जाने का प्लान बनाता है। वह स्कूल वालों को कहता है कि यूरोप जाकर वह स्टूडेंट्स को दूसरे विश्वयुद्ध के बारे में जगहों और घटनाओं की लाइव जानकारी फ्री में देंगे। इस सफर में उसे निशा को भी साथ ले जाना पड़ता है।

कहानी में ट्विस्ट है। यूरोप जाकर अज्जू को अहसास होता है कि दूसरे विश्व युद्ध की तरह उसके अंदर भी एक युद्ध चल रहा है। फिल्म आगे बढ़ती है और दोनों के वैवाहित जिंदगी में आ रही मुश्किलों को दिखाती है।

जान्हवी कपूर और वरूण धवन अपने-अपने किरदार में उभरकर सामने आए हैं। दोनों के बीच शानदार ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री देखने को मिली। सिनेमैटोग्राफर मितीश मीरचंदानी ने लखनऊ की ऐतिहासिक रूप से सुंदर गलियों को तस्वीरों और सीन्स कैद किया है। मिथुन और तनिष्क बागची ने बेहतरीन म्यूजिक दिया है।

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