नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग- ओबीसी विरोधी करार देते हुए आज कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी और जिसकी जितनी बड़ी आबादी होगी सरकार में उसकी उसकी उतनी ज्यादा हिस्सेदारी तय करेगी।
गांधी ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें यह जानकर के हैरानी हुई कि केंद्र सरकार में जो 90 प्रभावशाली सचिव हैं उनमें ओबीसी के सिर्फ तीन है। उन्होंने इसे ओबीसी के साथ अन्याय बताया और कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर इस वर्ग को न्याय दिया जाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में जहां भी कांग्रेस की सरकार बन रही है वहां किसी वर्ग के साथ अन्याय नहीं हो रहा है और ओबीसी को न्याय मिल रहा है। उनका कहना था ‘हमारी सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे। देश को पता चलेगा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी कितने हैं। उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने संसद में केंद्र सरकार से सवाल किया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दावा करते हैं कि वह ओबीसी के हितैषी हैं। उनसे पूछा गया कि अगर वह सच मे ओबीसी के हितैषी है तो बताएं देश को चलाने वाले 90 नौकरशाह में से ओबीसी की कितने हैं। इसमें पता चला कि ओबीसी के सिर्फ तीन सेक्रेटरी है। उन्होंने मोदी से दूसरा सवाल किया कि देश का जो बजट है उसमें यह तीन ओबीसी के लोग कितना नियंत्रित करते हैं, आदिवासी और दलित के बजट को कितना नियंत्रित करते हैं तो पता चला कि ओबीसी के लोग सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं।
गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि प्रधानमंत्री ने ओबीसी के लिए क्या किया तो मोदी का जवाब बड़ा रोचक था। उन्होंने कहा कि की सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में जिस वर्ग की जितनी आबादी है सत्ता में उस वर्ग की उतनी ही हिस्सेदारी होनी चाहिए।
जब गांधी से पूछा गया कि 2010 में उनकी सरकार ने ओबीसी के लिए महिला आरक्षण विधेयक में अलग व्यवस्था क्यों नहीं की तो गांधी ने स्वीकार किया कि यह व्यवस्था की जानी चाहिए थी लेकिन यह कदम नहीं उठाकर उनकी सरकार ने गलत किया है।