पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संसद में चीख-चीख कर अडानी का विरोध करने वाले जदयू-राजद-कांग्रेस के नेताओं में यदि हिम्मत है, तो वे बिहार में सीमेंट फैक्ट्री और स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अडानी ग्रुप के साथ हुआ समझौता रद्द करायें।
सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि एक तरफ ये विरोधी दल प्रधानमंत्री पर उद्योगपति गौतम अडानी को लाभ पहुंचाने का अनर्गल आरोप लगाते हुए संसद ठप करते हैं और दूसरी तरफ बिहार-छत्तीसगढ़ सहित आधा दर्जन विपक्ष-शासित राज्यों में उद्योग लगाने के लिए अडानी ग्रुप का रेड-कार्पेट वेलकम करते हैं। यह दोहरापन क्यों?
उल्लेखनीय है कि नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी ने अडानी समूह के साथ 27.99 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का समझौता किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि यदि अडानी ग्रुप के खिलाफ मुहिम में जदयू ने कांग्रेस का साथ दिया, तो इस ग्रुप को 27.99 स्मार्ट मीटर लगाने और नवादा में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए उनकी सरकार ने बियाडा के माध्यम से 70 एकड़ जमीन क्यों दी?
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति अडानी ग्रुप के विरुद्ध आरोपों की जांच कर इस समूह को क्लीन चिट दे चुकी है। इसके बावजूद इस मुद्दे पर संसद का पूरा सत्र क्यों बर्बाद किया गया? इसके लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब शरद पवार महाराष्ट्र में गौतम अडानी के साथ मंच साझा करते हैं और राजस्थान की गहलोत सरकार अडानी समूह को निवेश के मौके देती है, तब इस उद्योग समूह पर राहुल गांधी चुप्पी साध लेते हैं। राफेल सौदा हो या अडानी समूह के कारोबारी मामले, विपक्ष खोखले आरोप और दोहरे चरित्र की वजह से खुद अपनी विश्वसनीयता खो रहा है।