Friday, November 22, 2024

बिहार में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर सख्ती, ऐसा करने वाले किसानों से सरकार नहीं खरीदेगी धान

पटना। बिहार में ठंड के मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण की आशंका को लेकर सरकार पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त नज़र आ रही है।

सरकार ने साफ कर दिया है कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों से इस वर्ष भी धान की खरीद नहीं की जाएगी। इसके साथ ही वैसे किसानों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के लिए मिलने वाले अनुदान से भी वंचित किया जाएगा।

सरकार को आशंका है कि ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ेगा। ऐसे में सरकार सख्त नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि अक्टूबर महीने में ही वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिख रहा है। जैसे-जैसे धान कटनी का समय आएगा स्थिति और बिगड़ने की आशंका है, इसलिए अभी से अधिकारी सतर्कता बरतना शुरू करें।

ऐसे प्रखंडों और पंचायतों पर विशेष निगाह रखने को कहा गया है जहां से किसानों द्वारा पराली जलाने की शिकायत पहले मिलती रही है। जिलाधिकारियों को फसल कटनी के पूर्व कंबाइन हार्वेस्टर मालिक, संचालक के साथ बैठक कर उन्हें फसल अवशेष न जलाने के लिए सचेत करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी धान की खूंटी, पुआल आदि खेतों में जलाने की बजाए उचित प्रबंधन का निर्देश कृषि विभाग द्वारा दिया गया था। धान की कटाई के बाद किसान अपने खेतों के अंदर ही फसलों के अवशेष यानी पराली को जला देते हैं। जिससे वायुमंडल को भी नुकसान पहुंचता है और वायु प्रदूषण भी घातक हो जाता है।

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