धार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और उसके गठबंधन साथियों के बयानों को लेकर समूचे विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि तुष्टिकरण के दलदल में पूरी तरह धंस चुकी कांग्रेस को अगर ऐसा ही करना था तो उसने 1947 में भारत के तीन टुकड़े क्यों किए, पार्टी को उसी समय भारत का नामाे-निशान मिटा कर पूरे देश को पाकिस्तान बना देना चाहिए था।
मोदी मध्यप्रदेश के धार जिले में धार संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में चुुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दो सप्ताह पहले उन्होंने कांग्रेस को तीन बातें लिख कर देने की चुनौती दी थी। कांग्रेस से कहा था कि वह लिख कर दे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देगी, एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण कभी नहीं छीनेगी और कांग्रेस की राज्य सरकारें रातों रात मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण नहीं दे देंगी। इन तीनों सवालों पर कांग्रेस चुप बैठ गई है। ये चुप्पी खतरे वाली है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के दिमाग का एक्सरे निकाला है। बस उसमें वोटबैंक ही दिख रहा है। कांग्रेस तो चुप है, लेकिन आज पार्टी के एक बड़े साथी ने इंडी गठबंधन के इरादों पर मुहर लगा दी है।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि विपक्षी गठबंधन के एक नेता जो चारा खाने के कारण जेल में हैं, अभी जमानत पर निकले हैं। उनकी बेशर्मी देखिए, जमानत पर आए हैं बाहर, पर कांग्रेस वाले इतने गिर चुके हैं कि उन्हें माथे पर बैठा कर नाच रहे हैं। उन नेता ने पिछले 24 घंटे के दौरान कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए, सिर्फ इतना नहीं, पूरा का पूरा आरक्षण मिलना चाहिए। इसका मतलब ये हुआ कि अभी जिन वर्गों को जितना आरक्षण मिला है, वो छीन कर पूरा आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आखिर ये ऐसा क्यों कर रहे हैं, क्योंकि इसी वोटबैंक के सहारे वे अपनी सांसें गिन रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी तो इतने दिन से सिर्फ यही कह रहा था कि विपक्ष के लोग आरक्षण का कुछ हिस्सा काटेंगे, पर इनकी साजिश और गहरी है। विपक्ष के लोग डंके की चोट पर मतदान के दिन पूरा आरक्षण मुस्लिमों को देने की बात कर रहे हैं।
सिलसिलेवार ढंग से मोदी ने कहा कि इस बार कांग्रेस और उनके साथियों को चुन-चुन कर साफ कर दीजिए, यही बाबा साहब अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कांग्रेस तुष्टिकरण के दलदल में धंस गई है, कुछ और उसे दिखता ही नहीं। कांग्रेस की चली तो पार्टी कहेगी कि भारत में जीने का पहला हक उसके वोटबैंक का है। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सरकारी टेंडर में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगी। इसका मतलब ठेकेदारी भी धर्म के आधार पर होगी। खेलों में भी अल्पसंख्यकों की प्राथमिकता होगी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सख्त तेवरों के साथ कहा कि पार्टी को अगर ऐसा ही करना ही था तो 1947 में देश आजाद हुआ तो कांग्रेस ने भारत माता के तीन टुकड़े क्यों कर दिए। बंटवारा क्यों किया। उसी समय पूरा देश पाकिस्तान बना देते। भारत का नामाे निशान मिटा देते।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे दो टूक कह रहे हैं, कांग्रेस और उसके साथी सुन लें कि जब तक मोदी जिंदा है, नकली सेक्युलरिज्म के नाम पर भारत की पहचान मिटाने की कोशिश को सफल नहीं होने देगा। हजारों साल पुराने भारत को उसकी इस संतान की ये गारंटी है।