गाजियाबाद। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के शिष्यों ने बुधवार को हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ गृहमंत्री आवास पर ज्ञापन सौंपा। इससे पहले शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को यूपी पुलिस के साथ उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया।
यति का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर जाकर ज्ञापन देने पर जिंदगी भर जेल में सड़ाने की धमकी दी। उनका यह भी आरोप है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मंगलवार की रात उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप सन्देश भेज कर उनके दिल्ली आने पर कानूनी कार्यवाही की धमकी दी।
इसके बाद उनके शिष्य हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंच गए। उन्होंने वहां पहुंचकर 9 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली भारत बंगलादेश क्रिकेट श्रृंखला के खिलाफ ज्ञापन देने की बात की, लेकिन वहां सुरक्षा में मौजूद उच्चाधिकारियों ने ज्ञापन दिलवाने से साफ इंकार कर दिया और अतिरिक्त पुलिस बल बुलवा लिया। लेकिन यति के शिष्य वहीं जमे रहे और उसके बाद वहां उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए हर-हर महादेव के नारों से कृष्ण मेनन मार्ग को गुंजा दिया।
अधिकारियों से बहुत नाेक झोंक व झड़प के बाद ज्ञापन लेना स्वीकार किया, जिसके बाद अनिल यादव छोटे नरसिंहानंद ने एक सम्मिलित ज्ञापन को पढ़ कर सुनाया और फिर सभी संगठनों के ज्ञापनों को रिसीव कराया। जिसमें मुख्य रूप से धर्म रक्षक, धर्म रक्षक गुर्जर महासभा ,शिव सेना, हिन्दू रक्षा दल, सत्य सनातन दल, बजरंग दल व हिन्दू स्वाभिमान के पदाधिकारियाें ने ज्ञापन सौंपा।
सम्मलित(मुख्य ज्ञापन) में सभी हिन्दू कार्यकर्ताओं व यति शिष्य व सन्यासियों ने स्प्ष्ट कह दिया है कि यदि 9 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाला मैच नहीं रुकवाया तो हम अपने गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के साथ हरिद्वार माँ गंगा के तट पर सामुहिक अग्नि समाधि ले लेंगे, ताकि बांग्लादेश के हिन्दुओं को यह पता चल जाये कि भारत के कुछ हिन्दू वास्तव में उनका परिवार हैं।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से यति रणसिंहनन्द, यति निर्भयानंद यति रामस्वरूपानंद, विनोद सर्वोदय, महेश आहूजा, सुभाष बजरंगी, चहन सिंह बालियान, धीरज फौजी, अनिल मावी, मोहित बजरंगी व विक्रम यादव आदि मौजूद रहे।