Tuesday, November 5, 2024

मुजफ्फरनगर में IMA ने किया CME का आयोजन, गंभीर बीमारियों पर हुई चर्चा

मुज़फ़्फ़रनगर। जिले में IMA ने सर्कुलर रोड स्थित आईएमए भवन में एक CME का आयोजन किया। साइंटिफिक प्रोग्राम शुरू करने से पहले वरिष्ठ सदस्य दिवंगत डॉ गिरीश मोहन सिंघल(जिनका कि पिछले दिनों १६ नवंबर को दुःखद निधन हो गया था)  के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया और उनको याद किया गया और एक मिनट का मौन रखा गया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस बार सीएमई में मेदांता, गुड़गाँव से पधारे न्यूरो फिजिशियन डॉ विनय गोयल ने “ब्रेन स्ट्रोक, व गेस्टोएंट्रोलोज़िस्ट डॉ अभिषेक कथूरिया ने “अल्सिरेटिव कोलाइटिस”  के बारे में विस्तार से बताया व इसके निदान व उपचार की आधुनिकतम विधिओ के बारे में जानकारी दी।

डॉ विनय गोयल ने मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) के निदान व उपचार के बारे में बताया कि ये एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है इससे ग्रस्त मरीज़ जीवन भर अपंग हो जाता है या उसकी मृत्यु भी हो सकती है। यदि परेशानी होते ही बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में ही समय से तुरंत विषय विशेषज्ञ से अच्छे सेंटर पर इसका इलाज कराया जाये तो जीवन बचाया जा सकता है या इसका दुष्प्रभाव काफ़ी कम करके इससे होने वाली  अपंगता को कम से कम किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान व मद्यपान  करने वाले ज़्यादा रिस्क पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप भी इसका मुख्य कारक है इसको हल्के में न ले और उचित आहार  उपचार से इसको पूर्ण नियंत्रित रखें क्योंकि थोड़ा सा रक्तचाप बढ़ना भी मस्तिष्क आघात का कारण हो सकता है।

डॉ अभिषेक कथूरिया ने बताया कि अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण बड़ी आंत में जलन और अल्सर (खुले घाव) विकसित हो जाते हैं। यह इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBD)) बीमारी समूह की एक बिमारी है। इसके परिणामस्वरूप खूनी और पेट में ऐंठन वाले दस्त हो सकते है। कभी-कभी ये लक्षण व्यक्ति को रात में बार बार उठकर शौचालय का उपयोग करने के लिए मजबूर कर सकते हैं।इसका भी समयबद्ध निदान व उपचार का विशेष महत्व है जिससे कि इससे होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है और कभी-कभी सर्जरी शामिल होती है। इसके उपचार में अक्सर दवाओं का संयोजन आहार परिवर्तन व कभी कभी सर्जरी आवश्यक होती है। व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप, इन दृष्टिकोणों का उद्देश्य सूजन को कम करना और लक्षणों को कम करना है, जिससे इष्टतम परिणामों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।

सभा की अध्यक्षता आई एम ए अध्यक्ष डॉ हेमन्त शर्मा  ने की व संचालन साइंटिफिक सचिव डॉ मनोज काबरा ने किया। डॉ पूजा चौधरी व डॉ अनीता शर्मा ने बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया। बाद में दोनों विषय विशेषज्ञों ने प्रश्नोत्तर काल में सभागार  में उपस्थित चिकित्सकों द्वारा उठायी गई विभिन्न समस्याओं का समाधान भी किया।

इस CME में काफ़ी संख्या में चिकित्सक  उपस्थित थे जिनमें मुख्य रूप से  डॉ एम आर एस गोयल, आई एम ए कौषाध्यक्ष डॉ ईश्वर चंद्रा, आई एम ए मीडिया प्रभारी डॉ सुनील सिंघल, डॉ यू सी गौड़, डॉ डी एस मलिक, डॉ डी पी सिंह, डॉ आमोद कुमार, डॉ रवींद्र जैन, डॉ पंकज सिंह, डॉ के डी सिंह, डॉ सुनील चौधरी, डॉ कुलदीप सिंह चौहान, डॉ अजय सिंघल, डॉ राजेश्वर सिंह, डॉ अनिल कक्कड़, डॉ हरदेश कुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ तुषार गुप्ता, डॉ नीरज काबरा, डॉ अशोक शर्मा, डॉ ए सी शर्मा, डॉ रूप किशोर गुप्ता, डॉ पी के चाँद,डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ मनेश अग्रवाल, डॉ अभिषेक गौड़, डॉ अभिषेक यादव, डॉ विभोर कुशवाहा, डॉ सैयद अज़ीम ऐज़ाज़, डॉ कार्तिक अरोड़ा,डॉ करण मारवाह आदि उपास्थित थे। कार्यक्रम में दीपक कुमार व अतुल कुमार का विशेष सहयोग रहा।

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