नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7 फीसदी पर बरकरार रखी है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है।
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक विकास पूर्वानुमान 2024 में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को 7 फीसदी पर बनाए रखा है। आईएमएफ का ताजा आकलन अप्रैल के अनुमान से 0.2 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी है। ये अनुमान विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर 2024 में धीमी होकर 3.2 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है, जो एक साल पहले 3.3 फीसदी थी।
आईएमएफ का ये पूर्वानुमान जुलाई से पहले के अनुमान के अनुरूप है, जो ये दर्शाता है कि भारत में आर्थिक सुधार उम्मीद के मुताबिक जारी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का सुझाव है कि कोरोना महामारी के बाद शुरुआती मांग में उछाल अब कम हो रहा है। हालांकि, भारत के लिए ये स्थिर वृद्धि दृष्टिकोण कई अन्य उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के अनुमानों से अधिक मजबूत है, जो एक प्रमुख वैश्विक विकास चालक के रूप में भारत की स्थिति पर जोर देता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान आई मांग में कमी दूर हो रही है। अर्थव्यवस्था वापस अपनी क्षमता के साथ जुड़ रही है। सबसे बड़ी बात ये है कि वित्त वर्ष 2024-25 में आईएमएफ ने भारत में महंगाई दर 4.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है, जो अगले वित्त वर्ष में यह गिरकर 4.1 फीसदी हो जाएगी। इसके साथ ही भारत का प्रति व्यक्ति उत्पादन चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। यह ब्राजील के 2.6 फीसदी, रूस के 3.8 फीसदी, चीन के 4.9 फीसदी और अमेरिका के 2.3 फीसदी से ज्यादा है।