नोएडा। जनपद गौतमबुद्ध नगर के नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थित स्कूलों द्वारा की गई फीस की वृद्धि से अभिभवकों में रोष व्याप्त है। इसके विरोध में अभिभावकों द्वारा कई स्कूलों पर विरोध प्रदर्शन भी किया जा चुका है। इस मामले में अभिभावकों द्वारा डीएम से भी गुहार लगाई गई।
अभिभावकों की समस्याओं को देखते हुए शुक्रवार को डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला शुल्क नियामक समिति की समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक/सदस्य सचिव जिला शुल्क नियामक समिति द्वारा डीएम को जनपद के कुल 144 विद्यालयों द्वारा इस वर्ष की गयी फीस वृद्धि का विवरण प्रस्तुत किया गया। जिसमें 3 विद्यालय क्रमशः अमर पब्लिक स्कूल सेक्टर-37 नोएडा, पारस पब्लिक स्कूल मिल्क लिच्छी एवं संत किशोरी विद्या मंदिर सेक्टर-158 नोएडा द्वारा फीस में अनुमन्य वृद्धि 5%+CPI .से अतिरिक्त फीस की वसूली की गयी है।
इस पर डीएम ने जिला शुल्क नियामक समिति को निर्देशित किया कि उक्त 3 विद्यालय के संचालकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगे कि उनके द्वारा अनुमन्य फीस से अतिरिक्त फीस क्यों ली गयी। डीएम ने कहा कि समिति द्वारा तत्काल फीस को विद्यालय से छात्रों को वापस कराई जाए। शेष 76 विद्यालयों जिनके द्वारा इस वर्ष फीस वृद्धि का कोई विवरण जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया, उन विद्यालयों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए एक लाख रुपए का अर्थदण्ड उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 के सुसंगत धाराओं के प्राविधानों के तहत लगाया जाए, साथ ही विद्यालय संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण प्रस्तुत के निर्देश दिए जाए।
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जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 की धारा 4 (1) में उल्ललिखित किया गया है कि कोई भी मान्यता प्राप्त विद्यालय अपने विद्यमान छात्रों के लिए पूर्ववती वर्ष के अध्यापन कर्मचारी वर्ग के मासिक वेतन में प्रति व्यक्ति वृद्धि के औसत के बराबर विद्यालय के प्रत्येक वर्ग, कक्षा व स्तर के लिए स्वंय अपने वार्षिक शुल्क में पुनरीक्षित कर सकता है, किन्तु शुल्क वृद्धि नवीनतम उपलब्ध वार्षिक प्रतिशत बढे हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक छात्र से वसूल किये गये 5 प्रतिशत शुल्क से अधिक नहीं होगी। इसके क्रम में डीएम ने निर्देशित किया कि जनपद के समस्त विद्यालय के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को वर्ष 2024-25 के सापेक्ष वर्ष 2025-26 में कितनी वेतन वृद्धि की गई है, इसका विवरण एक सप्ताह में कार्यालय सचिव, जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष प्रस्तुत करें एवं जो भी शुल्क वृद्धि की जाए उसको 60 दिन पूर्व बेबसाइड पर अपलोड करें तथा उसकी सूचना कार्यालय सचिव, जिला शुल्क नियामक समिति के कार्यालय में उपलब्ध करायें।
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बैठक के दौरान डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 की धारा 3(11) के अनुसार यदि किसी विद्यालय द्वारा 5 वर्ष के पूर्व ड्रेस में परिवर्तन किया जाता है तो ऐसे विद्यालय के विरूद्ध जांच कराकर कार्यवाही करें। साथ ही उन्होंने तहसील स्तर पर सिटी मजिस्ट्रेट व उपजिलाधिकारी या तहसीलदार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय के द्वारा जूते, मौजे एवं ड्रेस आदि अभिभावकों को खरीदने के लिए बाध्य न किया जाये तथा ऐसे विद्यालय जिनके विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होती है प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विद्यालय की जांच की जाए तथा दोषी पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही हो।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि स्कूलों की जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा, उपजिलाधिकारी दादरी, उपजिलाधिकारी सदर, उपजिलाधिकारी जेवर, तहसीलदार दादरी, तहसीलदार सदर तथा डिप्टी कलैक्टर वेद प्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में 7 जांच समितियों का गठन किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्र में विद्यालयों की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यालय में छात्र व अभिभावक को ड्रेस, किताबें, जूते, मौजे आदि के क्रय के लिए बाध्य तो नहीं किया जा रहा है।