उत्तराखंड। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान अहम फैसला सुनाया है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक पत्नी के साथ ‘अप्राकृतिक यौन संबंध’ बनाने पर पति को आईपीसी की धारा 377 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
ये अहम टिप्पणी जस्टिस रवींद्र मैथानी की पीठ ने की है, पीठ ने कहा कि पति और पत्नी के संबंध में धारा 377 आईपीसी पढ़ते समय धारा 375 आईपीसी के अपवाद 2 को इससे बाहर नहीं निकाला जा सकता।
अगर पति और पत्नी के बीच कोई कृत्य धारा 375 आईपीसी के अपवाद 2 के कारण दंडनीय नहीं है, तो वही कृत्य धारा 377 आईपीसी के तहत अपराध नहीं हो सकता है।