नोएडा। आम नागरिकों के मूल दस्तावेज छलपूर्वक हासिल करके फर्जी कंपनियां खोलकर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा करने वाले सात आरोपियों की तीन दिन आठ घंटे की रिमांड मिलने के बाद पुलिस, जीएसटी विभाग तथा विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने उनसे गहनता से पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनके द्वारा फर्जी तरीके से खोली गई कंपनियों के खातों को सीज करवाए गए है। जिसके आधार पर पुलिस को कई जानकारियां मिल रही है। कई लोगों ने पुलिस से संपर्क करके कहा है कि उनका खाता बंद हो गया है। जब जांच किया गया तो पता चला कि आरोपिरोयों ने उन लोगों के पैन कार्ड आदि का प्रयोग करके फर्जी कंपनियां खोली है। इस तरह के दर्जनों लोग पुलिस के संपर्क में हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ने बताया कि न्यायालय ने आरोपियों की 80 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड दी है। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस टीम के साथ जीएसटी विभाग और कई एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। पूछताछ में आरोपियों से दिल्ली में खोले एक ऑफिसों समेत अन्य अहम जानकारियां मिली हैं। उन्होंने बताया कि कल हुई पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर आज कई टीमें अलग-अलग राज्यों में दबिश के लिए रवाना हो गई हैं।
रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से फर्जीवाड़े की रकम को खपाने की जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगी। एसीपी ने बताया कि आरोपियों के पास से गिरफ्तारी के समय भारी मात्रा में मोबाइल फोन के सिम बरामद किया गया था। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आरोपी दिल्ली के एक डीलर से सीम खरीदते थे। आरोपियों का साथ देने वाला डीलर फर्जीवाड़ा कर सिम चालू करा देता था। एसीपी के मुताबिक पुलिस की टीम ठगी के रुपये की रिकवरी कराने का भी प्रयास कर रही है।
बता दें कि नोएडा पुलिस ने फर्जी कंपनियों में जीएसटी रिफंड कर फर्जीवाड़ा करने वाले आठ आरोपियों को कुछ दिन पूर्व गिरफ्तार किया था। अब तक की जांच में जीएसटी नंबर वाली 3060 कंपनियों का पता चला है। इनमें 247 कंपनियां उत्तर प्रदेश के पते पर खोली गई है। पुलिस और जीएसटी विभाग के अधिकारी 15 हजार करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा मान रहे हैं।