पटना। बिहार के शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत शिक्षकों की अनुपस्थिति और उनकी लेटलतीफी पर अंकुश लगाए जाने को लेकर खास उपाय किए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग में जब से अपर मुख्य सचिव के रूप में तेजतर्रार आईएएस अधिकारी केके पाठक पदस्थापित हुए है, तब से विभाग को कार्यशैली में लगातार सुधार करने की कवायद की जा रही है। इसके तहत शिक्षकों को जहां अब ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी, वहीं अब वे स्कूल के समय व्हाट्सएप चैटिंग और रील्स नहीं देख सकेंगे।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के निरीक्षण के बाद अब शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की हाजिरी ऑनलाइन तरीके से करने की तैयारी की जा रही है। इसकी शुरूआत राजधानी पटना से 16 जुलाई से हो रही है, इसके बाद पूरे बिहार में ये व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके अलावा छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हाजिरी अगस्त माह से शुरू करने की योजना है। इस व्यवस्था के लागू होने पर सरकारी स्कूल की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार होंगे। शिक्षकों के गायब रहने की शिकायत का निराकरण होगा।
इधर, अब बिहार के 80 हजार सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षक अब स्कूल अवधि में अनावश्यक मोबाइल चलाने में व्यस्त नहीं रह पायेंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूल अवधि में शिक्षकों की वाट्सएप व अन्य चैटिंग पर रोक लगा दी है। विभाग ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं। शिक्षक शॉर्ट वीडियो और रील्स भी नहीं बना सकेंगे। शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए और जरूरी कॉल ही लगा सकेंगे। इस पर स्कूल के प्रधानाध्यापकों को सख्त निगरानी के लिए कहा गया है।