गाजियाबाद। औद्योगिक क्षेत्र की तरह ही अब सोसायटियों में भी बोरवेल के लिए भू-जल एवं लघु सिंचाई विभाग से एनओसी लेनी होगी। कोई नई बोरिंग करा रहे हैं या फिर आपकी सोसायटी में पहले से कोई बोरवेल है और आप भूजल दोहन कर रहे हैं तो इसके लिए प्रत्येक एओए एवं आरडब्ल्यूए के पास अनापत्ति प्रमाणपत्र होना जरूरी है। सोसायटियों को एक माह के अंदर एनओसी के लिए आवेदन करना होगा।
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भूजल स्तर परिषद की नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल ने बताया कि गंगाजल मिलने के बावजूद लोग भूजल दोहन कर रहे हैं। पानी की खपत इतनी अधिक है कि कई क्षेत्र डार्क जोन में जा चुके हैं लेकिन, लोग सचेत नहीं हो रहे। ऐसे में बिना किसी कर के भूजल दोहन करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 14 सोसायटियों को नोटिस जारी किया जा चुका है। आने वाले दिनों में टीम प्रत्येक सोसायटी में जाएगी और वहां बिना एनओसी चल रहे बोरवेल को सील किया जाएगा। फेडरेशन ऑफ एओए के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि पहले इस तरह एनओसी लेने की बात नहीं कही गई थी। ऐसे में अब अचानक से नोटिस भेजने का कोई औचित्य नहीं है। विभाग को पहले सोसायटियों में जाकर लोगों को जागरूक करना होगा।
जो सोसायटी बिल्डर के पास उन्हें नहीं मिलेगी एनओसी-
ऐसी सोसायटी जिसका मेंटेनेंस अभी बिल्डर ही देख रहे हैं, उन्हें एनओसी नहीं दी जाएगी। नोडल अधिकारी का कहना है कि बिल्डर को निर्माण के दौरान ही एनओसी दी जाती है जो केवल निर्माण के लिए होती है। उस बोरवेल का प्रयोग वह सोसायटी का वाटर टैंक भरने के लिए नहीं कर सकते। यदि ऐसा किया जा रहा है तो सोसायटी के सभी बोरवेल सील किए जाएंगे।